tibet.net / १० अप्रैल, २०२३
धर्मशाला। शी-जिनपिंग के नेतृत्व वाली चीनी सरकार ने तिब्बत में तिब्बतियों के चल रहे उत्पीड़न के लिए बार-बार जवाबदेही लेने से इनकार किया है और तिब्बत में सांस्कृतिक संहार की दमनकारी नीति को तीव्रतर करना जारी रखा है। ‘राष्ट्रीय सुरक्षा और स्थिरता’ की आड़ में शी सरकार ने तिब्बत में निगरानी और सूचना नियंत्रण पर अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखने के लिए संसाधनों और बलों का व्यापक रूप से दोहन किया है। तिब्बतियों को अक्सर ‘अलगाववादी’ करार दिया जाता है और उन्हें मनमानी गिरफ्तारी, अपहरण, कारावास और मौत तक के गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं। बढ़ी हुई सेंसरशिप के अलावा विदेश में रह रहे तिब्बतियों और विदेशियों- दोनों के लिए तिब्बत तक पहुंच अनिश्चित और कठिन है।
जैसा कि सब लोग जानते हैं कि तिब्बत अपने महत्वपूर्ण मोड़ के करीब है। ऐसे में निर्वासित तिब्बती प्रशासन के नेतृत्व ने अपनी सभी नीतियों और कार्यक्रमों में तिब्बत के भविष्य को सुरक्षित करने को मजबूती से प्राथमिकता दी है। तिब्बत में भाषाई और सांस्कृतिक अधिकारों पर बढ़ते प्रतिबंधों का मुकाबला करने, निर्वासित तिब्बतियों के कल्याण को बढ़ावा देने और सीटीए की प्रशासनिक दक्षता और क्षमता को बढ़ाने को लेकर सिक्योंग पेन्पा छेरिंग की अध्यक्षता वाले १६वें कशाग के नेतृत्व ने आधिकारिक तौर पर आज सुबह यूएसएआईडी, तिब्बत फंड और एनडीआई जैसे प्रमुख फंडिंग संगठनों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में एक विजन पेपर-‘सिक्योरिंग तिब्बत्स फ्यूचर्स (तिब्बत के भविष्य की सुरक्षा)’ लॉंच किया है।
यह सांकेतिक दस्तावेज १६वें कशाग द्वारा पिछले डेढ़ साल के प्रशासन के दौरान दोहराई गई प्रतिबद्धताओं पर आधारित है। यह दस्तावेज निर्वासन में रह रहे तिब्बती समुदाय की जरूरतों को पूरा करते हुए चीन-तिब्बत संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में आगे बढ़ने के मार्ग को गति प्रदान करेगा जो वर्तमान प्रशासन का प्रमुख दोहरा मिशन है। दस्तावेज़ चीन में सकारात्मक विकास लाने और इसे एक जिम्मेदार वैश्विक पक्ष बनाने में तिब्बत के भू-राजनीतिक और सामाजिक-आर्थिक-सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालता है।
सिक्योंग पेन्पा छेरिंग ने वरिष्ठ अधिकारियों और सिविल सेवकों की सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘अगर हम शी जिनपिंग की मौजूदा नीति का मुकाबला नहीं करते हैं तो यह इस धरती से तिब्बती पहचान को खत्म कर देगा। हम एक धीमी मौत मर रहे हैं।‘
उन्होंने दस्तावेज़ में निहित गुणवत्ता सेवाओं के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन और जनता के सामूहिक प्रयास और पारदर्शिता का आह्वान किया। उन्होंने उन सभी लोगों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने इस विजन पेपर को आकार देने में योगदान दिया है। भारत में यूएसऐड मिशन निदेशक वीणा रेड्डी ने निर्वासन में तिब्बतियों के सामाजिक एकीकरण और तिब्बती प्रशासन और नागरिक समाज समूहों के व्यवस्थित शासन की सराहना की।
उन्होंने कहा कि ‘यूएसऐड को तिब्बतियों और सीटीए के साथ, खासकर भारत और नेपाल में रहने वाले तिब्बती समुदाय की विनम्रता और आत्मनिर्भरता के लिए काम करने पर गर्व है। उन्होंने आगे बाइडेन-हैरिस प्रशासन की अमेरिकी विदेश नीति और विकास का केंद्र में मानव अधिकारों की प्राथमिकता से अवगत कराया।‘