पैंसठ साल पहले परमाणु बम धमाके का निशाने बने दुनिया के पहले शहर हिरोशिमा में शांति के लिए नोबल पुरस्कार जीतने वालों लोग एक साथ इकट्ठा हुए। इन लोगों ने शांति का संदेश देते हुए पूरी दुनिया को परमाणु हथियार मुक्त बनाने पर जोर दिया है। पूर्व नोबल शांति पुरस्कार विजेताओं की तीन दिन बैठक के समापन पर तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने कहा ‘ अतीत , अतीत है अब हमें आगे देखना चाहिए । हमें सुलह की मंशा से संवाद का इस्तेमाल करना चाहिए जो समस्याओं को हल करने का एकमात्र रास्ता है। ताकत का इस्तेमाल गुजरे जमाने की बात हो गई है। ‘ पूर्व नोबल शांति पुरस्कार विजेताओं ने इस बात पर निराशा भी जताई कि इस वर्ष के शांति पुरस्कार विजेता चीन के लियू शियाबाओ अब तक जेल की सलाखों के पीछे है। म्यांमार की लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू की की नजरबंदी खत्म किए जाने का स्वागत करते हुए इन लोगों ने कहा कि वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए सभी देशों को इस तरह के कदम उठाने चाहिए।
हिरोशिमा में जुटे शांतिदूत।
[सोमवार, 15 नवम्बर, 2010 | स्रोत : दैनिक भास्कार राष्ट्रीय संस्करण]
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