धर्मशाला।तिब्बती लोकतंत्र दिवस की ६३वीं वर्षगांठ में भाग लेने के लिए धर्मशाला पहुंचेस्वीडिश संसदीय प्रतिनिधिमंडल नेतिब्बती लोगों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए एक संवाददाता सम्मेलन किया। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व माननीय मार्गरेटा एलिज़ाबेथ सीडरफेल्ट ने किया।
दौरे पर आए प्रतिनिधिमंडल में मॉडरेट पार्टी से माननीय सांसद मार्गरेटा एलिज़ाबेथ सीडरफेल्ट, जोहाना हॉर्नबर्गर, मैरी चार्लोट निकोलसन, मारिया विक्टोरिया स्टॉकहॉस, एलेक्जेंड्रा एंस्ट्रेल, एन-सोफी लिफवेनहेज, जॉन ई वेनरहॉल, स्वीडन डेमोक्रेट्स पार्टी के सांसद माननीय रिचर्ड जोहान्स जोम्शॉफ़ और ब्योर्न सॉडर, क्रिश्चियन डेमोक्रेट्स पार्टी से सांसद माननीय गुडरून मार्गरेटा ब्रुनेगार्ड, ग्रीन पार्टी से सांसद जैनीन सोफिया अल्म एरिक्सन और स्वीडिश तिब्बत समिति के माननीय कार्ल मैटियास और क्रिस्टीना इवा मारिया ब्योर्नरस्टेड शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल के साथ लंदन स्थित तिब्बत कार्यालयसे प्रतिनिधि सोनम छेरिंग फ्रासी और सचिव लोबसांग चोएडन सैमटेन भी थे।
डीआईआईआर सचिव कर्मा चोयिंग ने दौरे पर आए प्रतिनिधिमंडल केप्रेस कॉन्फ्रेंस में भाग लेने की सराहना की और कहा कि इससे तिब्बतियों को बल मिलेगा कि दुनिया उन्हें भूली नहीं है। प्रतिनिधिमंडल की नेता सांसद मार्गरेटा एलिज़ाबेथ सीडरफेल्ट ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल में चार पार्टियों से ११ सांसद हैं। उन्होंने परम पावन दलाई लामा के साथ अपनी सकारात्मक मुलाकात के बारे में भी बताया और शांति को बढ़ावादेनेवाले उनके संदेश के महत्व पर जोर दिया।
निर्वासित तिब्बती लोकतंत्र की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इसने लिंग, आयु और अन्य सामाजिक वर्गीकरणों को समाहित करते हुए सभी को समान मतदान का अधिकार दिया और इसी तरह सभी को चुनाव में खड़े होने का समान अधिकार दिया है। चीन द्वारा तिब्बत में चलाए जा रहे औपनिवेशिक आवासीय स्कूल प्रणाली की निंदा करते हुए उन्होंने चीन से आग्रह किया कि वह तिब्बतियों को अपने धर्म, संस्कृति, भाषा का पालन करने और अपनी तिब्बती पहचान को संरक्षित करने की स्वतंत्रता दे। उन्होंने कहा कि स्वीडिश तिब्बती संसदीय समर्थक समूह तिब्बत के मुद्दे को उठाने और विधेयक को लिखने में व्यस्त है।
इसके बाद सांसद ने स्थानीय प्रेस कर्मियों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दिया। स्वीडिश सरकार द्वारा तिब्बती लोगों के लिए कल्याण कार्यक्रम चलाए जाने को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब मेंउन्होंने कहा कि हालांकि स्वीडिश सरकार अमेरिका की तरह राजनीतिक और वित्तीय सहायता नहीं दे सकती है, लेकिनवहअपने लोगों और तिब्बती समुदाय के साथ इस विषय पर चर्चा करके यह तय करने की कोशिश करेंगी कि इस तरह का कार्यक्रम चलाने में स्वीडेन कहां तक सक्षम हो सकता है। तिब्बत के अंदर रहनेवालेतिब्बतियों के लिए संदेश देने के बारे में पूछे जाने परउन्होंने कहा कि सांसद समझते हैं कि तिब्बत में रहनेवालेतिब्बती दमनकारी परिस्थितियों में किस हद तक पीड़ित हैं लेकिन तिब्बती अपने संघर्ष में अकेले नहीं हैं। इसके साथ ही उन्होंने तिब्बत के अंदर रहनेवाले तिब्बतियों के प्रति एकजुटता व्यक्त की।