धर्मशाला। लंबे समय से तिब्बत की स्वायत्तता की लडाई लड रहे तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने एक बार फिर दोहरायी है कि वह स्वतंत्रता नहीं बल्कि स्वायत्तता चाहते है। उन्होंने कहा कि बीजिंग की ओर से लगातार उनके उपर अलगाव के आधारहीन आरोप लगाए जा रहे है। यहां तिब्बत के केंद्रीय प्रशांसन की वेबसाइट पर जारी बयान के मुताबिक दलाई लामा ने गुरुवार को अमेरिका में कहा, ‘ सामान्य रुप से सभी यह जानते है कि मै स्वतंत्रता नही चाहता ( जिसके लिए कई तिब्बती उनकी आलोचना भी करते है) लेकिन चीनी सरकार मुझ पर लगातार विघटनकारी होने का आरोप लगा रही है। ‘ कैलीफोर्निया में विभिन्न शैक्षिक संस्थानों के चीनी छात्रों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा , ‘ तिब्बत की परेशानी को लोगों ने ही खडा किया है और इसलिए तर्क के आधार पर वे इसे सुलझा भी सकते है ।’ उन्होंने वर्ष 2008 में जब ल्हासा में अचानक ही चीनी शासन के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन होने लगे थे और यह विरोध पशिचमी चीन के अन्य इलाकों में भी पहुंच रहे थे , तब से ज्यादा से ज्यादा चीनियों ने तिब्बत मुददे पर ध्यान देना शुरु किया है। दलाई लामा ने बताया कि इस मुददे को सुलझाने के लिए 2–2 में एक बार फिर चीनी नेताओं से सम्पर्क स्थापित किया गया लेकिन इस दिश में कोई ईमानदार प्रगति नही हुई है ।
‘ स्वतंत्रता नहीं स्वायत्तता चाहिए ‘ ।
[शनिवार, 16 अक्तूबर, 2010 | स्रोत : DESH BANDHU]
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