तिब्बत.नेट, 21 फरवरी, 2019
पोंटा साहिब। सीटीए के राष्ट्रपति डॉ. लोबसांग सांगेय ने 20 फरवरी को हिमाचल इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज, पोंटा साहिब में अपना संबोधन दिया।
पोंटा तिब्बती सेटलमेंट अधिकारी और बस्ती के प्रतिनिधि, संकायों और छात्रों सहित लगभग 100 लोग इस संबोधन में उपस्थित थे। उनके साथ निर्देशक गौरव गुप्ता और प्रिंसिपल राजन गुप्ता भी मंच पर थे।
राष्ट्रपति डॉ. सांगेय ने उन्हें आमंत्रित करने के लिए संस्थान को धन्यवाद देते हुए अपने संबोधन की शुरुआत की।
उन्होंने दोहराया कि परमपावन दलाई लामा जहां भी जाते हैं, खुद को हर जगह भारत का पुत्र कहते हैं और तिब्बती भी इसी भावना को साझा करते हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि तिब्बती लोग हिमाचल प्रदेश की जनता और सरकार के आभारी हैं।
आगे उन्होंने पूर्वोत्तर भारत के दार्जिलिंग के एक दूरदराज के कोने से हार्वर्ड विश्वविद्यालय और फिर तिब्बती लोगों के राजनीतिक नेता के रूप में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन तक की अपनी यात्रा के बारे में बात की।
अपने अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने एक सफल नेता बनने के लिए आत्मविश्वास, पारस्परिक कौशल, सकारात्मक दृष्टिकोण और दृढ़ संकल्प को विकसित करने के महत्व पर जोर दिया।
इस संबोधन का समापन छात्रों के प्रश्न और डॉ. सांगेय के उत्तर सत्र के साथ हुआ।
हिमाचल इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज, पोंटा साहिब की स्थापना डॉ पूरन चंद मेडिकल चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में वर्ष 2003 में हुई। ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. वीके गुप्ता ने इसका सफल नेतृत्व किया। हिमाचल इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज (डेंटल कॉलेज, पोंटा साहिब) को डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया, नई दिल्ली और भारत सरकार द्वारा विधिवत मान्यता प्राप्त है। यह संस्थान हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय , शिमला से संबद्ध है।