तिब्बत.नेट
धर्मशाला। अमेरिकी विदेशमंत्री माइक पोम्पिओ ने पंचेन लामा के गायब किए जाने की 25वीं वर्षगांठ पर कड़ा बयान जारी किया, जिसमें चीनी सरकार से उन्हें रिहा करने और पंचेन लामा के ठिकाने को तत्काल सार्वजनिक करने की मांग की गई।
बयान ने तिब्बतियों की धार्मिक, भाषाई और सांस्कृतिक पहचान को खत्म करने के लिए चीन के चल रहे अभियान पर संयुक्त राज्य की चिंताओं को भी दोहराया गया है।
केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के राष्ट्रपति डॉ. लोबसांग सांगेय ने 19 मई को एक बयान जारी कर अमेरिकी विदेशमंत्री को उनके कड़े बयान के लिए धन्यवाद दिया। डॉ. सांगेय ने कहा कि वे न केवल तिब्बत मुद्दे का लगातार समर्थन कर रहे हैं, बल्कि लंबे समय में सबसे मजबूत शब्दों में पंचेन लामा की रिहाई के लिए आह्वान भी कर रहे हैं। यह तिब्बती लोगों के साथ अमेरिका की अटूट एकजुटता को दर्शाता है।
पंचेन लामा को रिहा करने के चीन से वैश्विक आह्वान का उल्लेख करते हुए सीटीए राष्ट्रपति ने कहा कि “यह चीन सरकार को एक कठोर संदेश देता है कि पंचेन लामा के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन पहले से अधिक मजबूत है और जब तक पंचेन लामा रिहा होकर तिब्बत में ताशी लुनपो मठ में अपनी पीठ पर वापस नहीं आ जाते, तब तक उनकी रिहाई के लिए अभियान जारी रहेगा।”
अमेरिकी विदेशमंत्री माइक पोम्पिओ का पूरा बयान इस प्रकार हैः-
“विदेश मंत्रालय धार्मिक स्वतंत्रता के प्रचार और संरक्षण को प्राथमिकता देता है। विशेष रूप से चीन में, जहां सभी धर्मों के लोगों को गंभीर दमन और भेदभाव का सामना करना पड़ता है। अपने इस मिशन के तहत हमने तिब्बत के 11वें पंचेन लामा गेधुन चोएक्यी न्यिमा के जबरन गायब होने की 25वीं वर्षगांठ को चिह्नित किया है। पंचेन लामा को मात्र छह साल की उम्र में 17 मई 1995 को पीआरसी सरकार ने सरेआम अपहरण कर लिया था और उसके बाद से उन्हें कभी सार्वजनिक तौर पर नहीं आने दिया है।
“पंचेन लामा तिब्बती बौद्ध धर्म में आध्यात्मिक तौर पर दलाई लामा के बाद दूसरे सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक प्रमुख हैं। लेकिन चीन द्वारा पंचेन लामा का उत्पीड़न असामान्य नहीं है। संयुक्त राज्य अमेरिका तिब्बतियों की धार्मिक, भाषाई और सांस्कृतिक पहचान को समाप्त करने के लिए पीआरसी के चल रहे अभियान को लेकर गहराई से चिंतित है, जिसमें लारुंग गार और यचेन गार जैसे साधना और शिक्षण के प्रमुख बौद्ध संस्थानों का विध्वंस किया जा रहा है।
सभी धर्मों के सदस्यों की तरह तिब्बती बौद्ध समुदाय को भी अपनी परंपराओं के अनुसार और सरकारी हस्तक्षेप के बिना अपने धार्मिक नेताओं का चयन करने, शिक्षित करने और उनकी वंदना करने की स्वतंत्रता होना चाहिए। हम पंचेन लामा के ठिकाने को तुरंत सार्वजनिक करने और सभी व्यक्तियों के लिए धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए चीन के संविधान के अनुरूप और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं अनुरूप कार्य करने के लिए पीआरसी सरकार का आह्वान करते हैं।”
इससे पहले 19 मई को ही विदेशमंत्री माइक पोम्पिओ ने पंचेन लामा के गायब किए जाने के मुद्दे पर ट्वीट करके आध्यात्मिक नेता के ठिकाने का खुलासा करने और धार्मिक रीति-रिवाजों में राज्य के दखल को खत्म करने के लिए चीनी सरकार से अपने आह्वान को दोहराया।