
बाइलाकुप्पे। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के सिक्योंग (अध्यक्ष) सह गृह विभाग के कलोन (मंत्री) पेन्पा शेरिंग को १४ फरवरी २०२५ की सुबह परम पावन १४वें दलाई लामा के विशेष दर्शन का अवसर मिला।
सिक्योंग के साथ भारत सरकार के गृह राज्य मंत्री माननीय श्री बंदी संजय कुमार और उनका प्रतिनिधिमंडल भी था। श्री संजय कुमार के साथ प्रतिनिधिमंडल में उनके निजी सचिव आईएएस आंद्रा वामसी, मंत्री के अतिरिक्त निजी सचिव श्रीनिवास परिमाला और मंत्री के अतिरिक्त निजी सचिव मधु पासुनुरु शामिल थे।
परम पावन के दर्शन के समय कर्नाटक के गृह मंत्री डॉ. गंगाधरैया परमेश्वर, उनकी पत्नी कनिका परमेश्वरी परमेश्वर और चार अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।
दिन की शुरुआत परम पावन दलाई लामा के आशीर्वाद से हुई, उसके बाद कलोन (मंत्री) डोल्मा ग्यारी ने भारत सरकार के प्रतिनिधियों के साथ शिष्टाचार मुलाकात की।
बाद में सिक्योंग ने बाइलाकुप्पे में तिब्बती चिल्ड्रेन विलेज (टीसीवी) स्कूल का दौरा किया, जहां निदेशक शेरिंग दोरजी और प्रिंसिपल नामग्याल शेरिंग ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। स्कूल के मुख्य कार्यालय में इसकी वर्तमान स्थिति के बारे में संक्षिप्त चर्चा के बाद उन्होंने १२वीं की दो अलग-अलग कक्षाओं में जाकर छात्रों के साथ बातचीत की।
सिक्योंग ने छात्रों को आगामी परीक्षाओं के लिए अच्छी तरह से तैयारी करने के लिए प्रोत्साहित किया, लेकिन उन्हें यह भी याद दिलाया कि वे अनावश्यक तनाव न लें। सिक्योंग ने सलाह दी, ‘स्मार्ट तरीके से पढ़ाई करें और खुद पर बहुत ज़्यादा बोझ न डालें। हम भारत में कई छात्रों के बारे में सुनते हैं जो अत्यधिक शैक्षणिक दबाव से जूझ रहे हैं, कभी-कभी दुखद परिणाम भी सामने आते हैं। उचित समय प्रबंधन आपको बिना किसी दबाव के अच्छा प्रदर्शन करने में मदद करेगा।’
सिक्योंग ने संतुलन के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘परीक्षाएँ महत्वपूर्ण हैं, लेकिन परीक्षा ही सब कुछ नहीं हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप अपने समय और प्रयासों का प्रबंधन कितनी अच्छी तरह करते हैं।’
छात्रों के साथ बातचीत के बाद सिक्योंग ने स्कूल प्रशासन से मुलाकात की और दक्षिण भारत में तिब्बती बच्चों को शिक्षा और स्थिरता प्रदान करने में टीसीवी की महत्वपूर्ण भूमिका के लिए कृतज्ञता प्रकट की। उन्होंने कहा, ‘टीसीवी ने हमारे समुदाय की जरूरतों को पूरा करने और हमारी युवा पीढ़ियों के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’
टीसीवी दौरे के बाद सिक्योंग संभूत तिब्बती स्कूल (एसटीएस) गए, जहां स्कूल के गेट पर छात्रों और कर्मचारियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रिंसिपल दावा ताशी की अगुवाई में उन्होंने कई कक्षाओं का दौरा किया और उसी स्कूल में एक छात्र के रूप में अपने समय की यादें साझा कीं।
छात्रों के साथ चर्चा के दौरान सिक्योंग ने शिक्षा और चरित्र दोनों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने सलाह दी, ‘अगर आप अच्छे शिष्टाचार और अनुशासन का प्रदर्शन नहीं करते हैं तो स्कूल में उच्च अंक प्राप्त करना भर ही पर्याप्त नहीं है। अपनी पढ़ाई के साथ-साथ, हमेशा अपने शिक्षकों का सम्मान करना और खुद को गरिमा के साथ पेश करना याद रखें।’
सिक्योंग ने कैलाशपुरा (एसटीएस) में संभूत प्री-प्राइमरी स्कूल, संभूत सीवीपी स्कूल और संभूत तिब्बती स्कूल का भी दौरा कर वहां के छात्रों और शिक्षकों से बातचीत की।
सिक्योंग की यात्रा का मुख्य आकर्षण टीसीवी में कक्षा १२ के छात्रों के साथ उनकी बातचीत और बायलाकुप्पे में विभिन्न तिब्बती स्कूलों का दौरा था। उनकी यात्रा से तिब्बती समुदाय के भीतर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और छात्रों की भलाई के लिए केंद्रीय तिब्बती प्रशासन की प्रतिबद्धता की पुष्टि हुई।