गंगटोक, सिक्किम, भारत। दिल्ली से पश्चिम बंगाल के बागडोगरा होते हुए सिक्किम जा रहे परम पावन दलाई लामा ने ११ दिसंबर की सुबह दिल्ली से उड़ान भरी। हवाई अड्डे पर सिक्किम सरकार के धार्मिक मामलों के मंत्री वेन सोनम लामा ने उनका स्वागत किया। बागडोगरा से वह हेलीकॉप्टर से गंगटोक के लिए उड़े। गंगटोक के लिबिंग हेलीपैड पर पहुंचने पर उनकी अगवानी सिक्किम के माननीय मुख्यमंत्री श्री प्रेम सिंह तमांग, मुख्य सचिव श्री विजय भूषण पाठक, पुलिस महानिदेशक श्री अमरेंद्र कुमार सिंह और कई वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों ने किया। अगवानी करने में गंगटोक, दार्जिलिंग और कलिम्पोंग के तिब्बती प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
जैसे ही परम पावन हेलीपैड से चले गए सड़क पर लगभग एक दर्जन स्थानीय मठों के भिक्षुओं के समूह ने उनका अभिवादन किया। उनमें से कई ने अपनी औपचारिक टोपी पहनी और अभिवादन में झांझ, ड्रम और सींग बजाए। मुख्य सड़क पर ताशी शोल्पा नर्तकों के एक समूह ने स्वागत में नृत्य किया, जबकि स्थानीय सिक्किमी और तिब्बती लोग सड़क पर खड़े थे। उनके चेहरे पर मुस्कान थी और वे अपने हाथ जोड़कर अभिवादन के रूप में सफेद या पीले रेशम के खटक हिला रहे थे और फूल, धूप आदि अर्पित कर रहे थे। तिब्बती महिलाएं समूहों में खुशी से नाच-गा रही थीं। एक अन्य समूह ने एक चीयरलीडर का पीछा करते हुए उत्साहपूर्वक चिल्लाते हुए कहा, ‘दलाई लामा अमर रहें’।
होटल के दरवाजे के बाहर सिक्किम पुलिस गार्ड के सदस्यों ने हथियार झुकाए और परम पावन ने सलामी ली। दरवाजे पर उन्हें अभिवादन के रूप में पारंपरिक ‘चेमा चांगफू’ पेश की गई। लॉबी के अंदर ही सिक्किम सरकार के बाकी मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। सुइट के दरवाजे पर परम पावन का स्वागत उनके बड़े भाई ग्यालो थोंडुप ने किया। इसके बाद मुख्यमंत्री के परिवार के सदस्य उन्हें अभिवादन करने पहुंचे।
दोपहर के भोजन के तुरंत बाद सिक्किम के राज्यपाल, महामहिम लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने परम पावन से शिष्टाचार भेंट की।