इस सिलसिले में दलाई लामा को सौंपे गए एक ज्ञापन में कहा गया, “तिब्बती और यहां रहने वाले तिब्बती नागरिक सरकारी भूमिकाओं से पूरी तरह या आंशिक तौर पर अलग होने की आपकी मंशा से अत्यंत चिंतित हैं।”
ज्ञात हो कि दलाई लामा ने हाल ही में सार्वजनिक जीवन का परित्याग करने और अपनी ज्यादातर राजनीतिक शक्तियां निर्वासित प्रधानमंत्री को सौंपने का संकेत दिया था।
दलाई लामा ने हालांकि स्पष्ट किया है कि सार्वजनिक जीवन से अलग होने का यह मतलब नहीं है कि उन्होंने तिब्बती संघर्ष को भुला दिया है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1959 में तिब्बत छोड़ कर धर्मशाला आए दलाई लामा निर्वासित तिब्बती सरकार के प्रमुख हैं।