(संगठन की उपाध्यक्ष सेरिग डोल्कर ने कहा कि पंचेन लामा दुनिया के सबसे कम
उम्र के राजनीतिक बंदी है। इन्हें चीन ने इनके परिवार समेत बंदी बनाकर उनके
साथ अमानीय सलूक कर रहा है। )
तिब्बत के 6 वर्षीय 11 वें पंचेन लामा के उनके परिवार समेत चीन द्वारा गलत तरीके
से राजनीतिक बंदी बनाए जाने के विरोध में तिब्बतियों ने रिजनल तिब्बतियन
वुमैन्स एसोसिएशन्स के बैनर तले जंतर -मंतर पर धरना प्रदर्शन किया। संगठन की
उपाध्यक्ष सेरिंग डोल्कर ने कहा कि पंचेन लामा दुनिया के सबसे कम उम्र के
राजनीतिक बंदी है। उन्हें चीन ने इनके परिवार समेत बंदी बनाकर उनके साथ
अमानवीय सलूक कर रहा है । उन्हें काफी प्रताडित किया जा रहा है। उन्होंने यूएन
कमेटी से बाल रक्षा के लिए उनकी जिम्मेदारियों पर सवाल खडा किया है। क्या 6
वर्ष के बच्चे को बंदी बनाकर उसे शारिरिक यातना दिया जा सकता है। गौरतलब है
कि दलाई लामा के बाद पंचेन लामा दूसरा सबसे ताकतवर धार्मिक नेता के रुप में
विख्यात है। तिब्बती लोग इन्हें अपना धार्मिक गुरु मानते हुए इनका काफी सम्मान
करते है। डोल्कर ने भारत सरकार से पंचेन लामा एंव उनके परिवार की रिहाई में
मदद करने की अपील के साथ एक ज्ञापन भेजा।