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१६ सितंबर, २०२१
जिनेवा। संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों के एक समूह ने संयुक्त रूप से लापता तिब्बती बौद्ध विद्वान गो शेरब ग्यात्सो के गायब किए जाने और रिनचेन त्सुल्ट्रिम को मनमाने ढंग से हिरासत में लिए जाने के मामलों के बारे में चीन से पूछताछ की है। दोनों तिब्बती भिक्षु पूर्वी तिब्बत के अमदो के न्गाबा के रहनेवाले हैं।
गो शेरब ग्यात्सो के जबरन गायब होने और रिनचेन त्सुल्ट्रिम को मनमाने ढंग से हिरासत में लिए जाने पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए यूएन वर्किंग ग्रुप ऑन इनफोर्स्ड ओर इनवॉलुंटरी डिसएपियरेंसेंज, वर्किंग ग्रुप ऑन आर्बिटररी डिटेंशन, स्पेशल रिपोर्टियर ऑन माइनोरिटी इशुज और स्पेशल रिपोर्टियर ऑन फ्रीडम ऑफ रिलिजन ओर बिलीफ जैसे संगठनों ने संयुक्त रूप से चीन को प्रेषित संचार में गो शेरब ग्यात्सो के ठिकाने के बारे में ‘तत्काल’ जानकारी प्रदान करने और रिनचेन त्सुल्ट्रिम की गिरफ्तारी, हिरासत और सजा के लिए कानूनी आधार बताने का आह्वान किया है।
संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने आगे कहा है कि ‘ये हिरासत अलग-अलग घटनाएं नहीं हैं’, बल्कि चीनी अधिकारियों द्वारा तिब्बतियों को मनमाने ढंग से और अनौपचारिक रूप से हिरासत में लेने, बंद कमरे में सुनवाई करने और अज्ञात आरोपों में अज्ञात तरीके से फैसला देने के एक व्यवस्थित पैटर्न को दर्शाते हैं। विशेषज्ञों ने यह भी चिंता व्यक्त की कि चीन द्वारा व्यक्ति को धर्म और जातीयता के आधार पर निशाना बनाया जा रहा है।
ज्ञात हो कि तिब्बती बौद्ध विद्वान गो शेरब ग्यात्सो को २६ अक्तूबर २०२० को सिचुआन प्रांत के चेंगदू में गिरफ्तार किया गया था, तब से उनकी सेहत और ठिकाने के बारे में कुछ भी ज्ञात नहीं है। गो शेरब ग्यात्सो ने तिब्बती दर्शन और संस्कृति और मठवासी शिक्षा प्रणाली पर कई किताबें लिखी हैं। गो शेरब ग्यात्सो को पहले चीनी अधिकारियों ने १९९८ और २००८ में भी हिरासत में लिया था।
२७ जुलाई २०१९ को न्गाबा पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो के चीनी अधिकारियों द्वारा मनमाने ढंग से गिरफ्तार किए जाने के बाद से न्गाबा में नंगशिंग मठ के भिक्षु रिनचेन त्सुल्ट्रिम को मनमाने तरीके से हिरासत में रखा गया है। इसके बाद एक बार ही उनके बारे में खबर २३ मार्च २०२१ को सामने आई कि उन्हें साढ़े चार की सजा सुनाई गई है। उसके खिलाफ आरोपों, सुनवाई की तारीख और मुकदमा वाली अदालत के बारे में कोई सूचना नहीं दी गई है।