उग्यूर, तिब्बती और चीनी कार्यकर्ताओं को डर है कि मिशेल बाचेलेट अधिकारों के हनन के खिलाफ चीन पर कार्रवाई करने में विफल हो जाएंगी।
rfa.org / मिया पिंग-चीह चेन, यितोंग वू, चिंगमैन और अलीम सीटॉफ; संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार प्रमुख ने मानवाधिकार समूहों और उग्यूर कार्यकर्ताओं की निराशा और गुस्से के बीच सोमवार को चीन के लिए उड़ान भरीं। उन्होंने जाते समय राजनयिकों से कहा कि इस सप्ताह झिंझियांग की उनकी यात्रा कोई ‘जांच’ नहीं होगी। जिस तरह का माहौल दिख रहा है, उसमें इस प्रयास की उम्मीदें बहुत ही क्षीण हैं।
ब्लूमबर्ग न्यूज एजेंसी के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाचेलेट चीन पहुंचीं और १०० के करीब प्रतिभागियों के साथ वीडियो कॉल कीं। इनमें ज्यादातर बीजिंग स्थित राजनयिक थे। उन्होंने प्रतिभागियों का नाम लिए बिना बताया कि इस यात्रा से उच्च स्तर की उम्मीदें करना निराशाजनक होगा।
चिली की पूर्व राष्ट्रपति बाचेलेट २००५ के बाद से चीन की यात्रा करने वाली पहली अधिकार प्रमुख हैं। उनकी इस यात्रा से इस बात की चिंता जताई जा रही है कि इस यात्रा का उपयोग सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) द्वारा अपने अधिकारों के रिकॉर्ड को पाक-साफ करने और वैध बनाने के लिए किया जाएगा।
एमनेस्टी इंटरनेशनल के महासचिव एग्नेस कैलामार्ड ने कहा, ‘मिशेल बाचेलेट की झिंझियांग की यात्रा क्षेत्र में मानवाधिकारों के उल्लंघन को उजागर करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है, लेकिन यह सच्चाई को छिपाने के चीनी सरकार के प्रयासों के खिलाफ लड़ाई भी होगी।‘
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र को इसके खिलाफ कदम उठाने चाहिए और चीन द्वारा इस यात्रा का इस्तेमाल खुले तौर पर अपने प्रचार का समर्थन करने के लिए किए जाने का विरोध करना चाहिए।‘
वाशिंगटन स्थित कंपेन फॉर उग्यूर नामक संगठन ने कहा- ‘चीन द्वारा इस ऐतिहासिक यात्रा को अपनेप्रचार दौरे में बदलना गलती होगी जो मानवाधिकारों के लिए उच्चायुक्त के कार्यालय की प्रतिष्ठा को धूमिल करेगी और चीन के हाथों नरसंहार का सामना करने वाले उग्यूरों को केवल संघर्ष के भरोसे हो जाने के लिए अकेला छोड़ देगी।‘
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि जाहिरा तौर पर कोविड-१९संक्रमण के जोखिम को देखते हुए बाचेलेट ‘बंद लूप’ में यात्रा करेंगी। इसका अर्थ होगा कि वह चीनी अधिकारियों द्वारा पूर्व- निर्धारित लोगों की सूची के बाहर किसी से भी नहीं मिल पाएंगी। .
वांग ने कहा कि २३-२८ मई की यात्रा के दौरान कोई भी पत्रकार उनके साथ यात्रा नहीं कर पाएगा।
ह्यूमन राइट्स वॉच में चीन की निदेशक सोफी रिचर्डसन ने ट्वीट किया, ‘बेशक चीन सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस के प्रति असहिष्णु है। वह कभी नहीं चाहेगी कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख एम बाचेलेट के साथ कोई पत्रकार यात्रा करे। लेकिन क्या संयुक्त राष्ट्र ने इस मुद्दे पर चीन से चर्चा करने की कोशिश की? मानवाधिकार, लोकतंत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले किसी भी व्यक्ति को इस तरह की गलती नहीं करनी चाहिए।
अधिकार कार्यकर्ता ने लंबे समय से चेतावनी दे रहे हैं कि चीनी नीति निर्धारकों द्वारा इस क्षेत्र में घटित हो रही घटनाओं की सही तस्वीर देखने से बाचेलेट को रोक दिया जाएगा, जिसमें उग्यूरों को नजरबंदी शिविरों के नेटवर्क में रखने और चीनी कारखानों में जबरन श्रम के रूप में इस्तेमाल किए जाने की रिपोर्ट शामिल है।
‘प्रतीकात्मक यात्रा‘
संयुक्त राष्ट्र ने पिछले सप्ताह कहा था कि अपनी २३-२८ मई की यात्रा के दौरान बाचेलेट चीन के दक्षिणी शहर ग्वांगझू और झिंझियांग के शहरों- उरुमकी (चीनी, वुलुमुकी) और काशगर (काशी) में रुकने के दौरान उच्च स्तरीय सरकारी अधिकारियों, शिक्षाविदों और नागरिक समाज समूहों और व्यवसायों के प्रतिनिधियों से मिलेंगी।
‘वर्ल्ड उग्यूर कांग्रेस (डब्ल्यूयूसी)’ के अध्यक्ष डोलकुन ईसा ने कहा, ‘हमें यह जानकर बहुत निराशा हुई है कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाचेलेट पूर्वी तुर्केस्तान में उग्यूर लोगों के खिलाफ नरसंहार की जांच नहीं करने जा रही हैं। इसकी बजाये वह केवल चीन की इच्छा के अनुसार प्रतीकात्मक यात्रा भर करेंगी।‘ पूर्वी तुर्केस्तान झिंझियांग के लिए उग्यूरों का पसंदीदा नाम है।
जर्मनी स्थित ईसा ने आरएफए को बताया, ‘हमने बार-बार उच्चायुक्त बाचेलेट को आगाह किया है कि इस तरह की यात्रा संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता के लिए अत्यधिक हानिकारक होगी और इस यात्रा के दौरान वह केवल नरसंहार के आरोप से चीन को पाक-साफ करने के लिए चीनी सरकार के हाथों में खेलेंगी।‘
चीन विशाल पश्चिमी क्षेत्र में अपनी सुरक्षा और विकास नीतियों पर राजनीतिक रूप से प्रेरित हमलों के रूप में सभी नरसंहार और जबरन श्रम के आरोपों को देखता है और गुस्से में इस तरह के दावों को खारिज करता है। बीजिंग ने बाचेलेट की ‘दोस्ताना’ यात्रा का आह्वान किया है।
उग्यूर झिझियांग में मानवाधिकारों की स्थिति को लेकर ओएचसीएचआर, जिनेवा में बाचेलेट के कार्यालय पर रिपोर्ट जारी करने का दबाव डाल रहे हैं, जो सितंबर से विलंबित है।
साधारण चीनी नागरिकों ने भी अमेरिकी अधिकार प्रमुख पर जेल में बंद प्रियजनों के मामलों को उठाने के लिए दबाव डाला है।
जब किसी ने सत्तारूढ़ सीसीपी नेता शी जिनपिंग की बेटी की तस्वीर को एक वेबसाइट पर पोस्ट किया तो एक व्यक्ति की मां को जेल में डाल दिया गया और कथित तौर पर प्रताड़ित किया गया। उन्होंने अपने इस मामले को दक्षिणी प्रांत ग्वांगडोंग के अधिकारियों को देखने के लिए कहा है।
नीयू की मां कोको ने आरएफए को बताया, ‘मैंने सुना है कि सुश्री बाचेलेट इस सप्ताह गुआंगझोउ जा रही हैं, और (मेरे बेटे) नीउ तेंग्यू और २४ अन्य युवाओं से जुड़े मामले में गलत तरीके से न्याय भी यहां ग्वांगडोंग में हुआ था। मुझे उम्मीद है कि सुश्री बाचेलेट ग्वांगडोंग के अधिकारियों से न्याय की इस गलती को रद्द करने और नीउ तेंग्यू समेत अन्य सभी युवाओं को रिहा करने का आह्वान करेंगी।‘
उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि वह इस मामले को देश के नेताओं के सामने लाएगी और ग्वांगडोंग में हुई इस गलत को ठीक करने का आग्रह करेंगी।‘
बीजिंग स्थित मानवाधिकार के वकील यू वेन्शेंग ने ट्वीट किया कि वह चीन में मानवाधिकार की स्थिति के बारे में उन्हें जानकारी देने के लिए उत्सुक हैं, हालांकि उनके पास तक पहुंचने की संभावना बहुत कम है।
फेलो राइट्स अटॉर्नी वांग यू ने बाचेलेट को चीन के कुछ मानवाधिकार वकीलों से मिलने के लिए बुलाया और जेल में बंद वकीलों- ली युहान, चांग वेपिंग, डिंग जियाक्सी और किन योंगपेई के बारे में पूछताछ की।
चल रहे कथानकों को नियंत्रित करना
कार्यकर्ताओं का समूह ‘स्टूडेंट्स फॉर फ्री तिब्बत’ के लंदन स्थित अभियान निदेशक पेमा डोल्मा ने कहा कि पारदर्शिता की कमी ने पूरी यात्रा को संदिग्ध बना दिया है।
उन्होंने कहा, ‘यदि उन्हें कोई इस तरह का संकेत मिलता है कि उनकी यात्रा चीनी सरकार के यात्रा (चीनी सरकार द्वारा लागू) प्रतिबंधों के तहत चल रहा है तो क्या उच्चायुक्त तुरंत अपनी यात्रा समाप्त कर देंगी? उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि इस मामले में ‘नहीं’ कहना ज्यादा सुरक्षित उत्तर होगा।‘
बाचेलेट ने इस सप्ताह २२० मानवाधिकार संगठनों के आह्वान के बावजूद यात्रा किया हैं। इन संग्ठनों ने इस महीने की शुरुआत में एक संयुक्त बयान में उनसे अपनी यात्रा रद्द करने के लिए अनुरोध किया था। लेकिन इस बयान का कोई जवाब नहीं मिला।
पेमा डोल्मा ने कहा, ‘चीन की अपारदर्शी यात्रा करना और एक रिपोर्ट लिखना जो नागरिक समाज की मानवाधिकार कथानक चिंताओं के बजाय चीनी सरकार की चिंताओं को उजागर करती है, वास्तव में शी जिनपिंग की इच्छा का हिस्सा है।‘
विदेश-स्थित अधिकार समूह ने कहा, बाचेलेट भी तियानमेन नरसंहार की राजनीतिक रूप से संवेदनशील वर्षगांठ से ठीक पहले ही आ रही हैं।
चीनी मानवाधिकार रक्षकों (सीएचआरडी) के एक समूह ने बाचेलेट की यात्रा से पहले एक खुले पत्र में कहा, ‘आपकी यात्रा १९८९ के तियानमेन नरसंहार की ३३वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर हो रही है।‘ यह घटना शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भयानक राज्य हिंसा का एक कार्य था, जिसके लिए कोई जवाबदेही तय नहीं की गई है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी सेंसरशिप, धमकियों और जेल के माध्यम से चल रहे अभियान के दौरान भूलने की बीमारी को दफनाने के लिए दृढ़ संकल्प है।‘
बयान में कहा गया है, ‘हम आपको तियानमेन के माताओं से उनके भाग्य के बारे में पूछताछ करने के लिए कहते हैं। पीड़ितों की माताओं और रिश्तेदारों का एक समूह ०४ जून, १९८९ के तुरंत बाद गठित किया गया था। यह समूह अपने बेटों और बेटियों के ‘गायब होने’ के लिए जवाबदेही की मांग कर रहे हैं।‘
इसने कहा गया है कि बाचेलेट की यात्रा ने अधिकार कार्यकर्ताओं के बीच यह आशंका पैदा कर दी थी कि इसे ‘चीनी सरकार द्वारा सावधानी से प्रबंधित और कोरियोग्राफ किया जाएगा ताकि आप केवल वही देख और सुन सकें जो सरकार आपको दिखाना और सुनाना चाहती है।’
चीनी मानवाधिकार बचाव कार्यकर्ताओं ने बाचेलेट की यात्रा से पहले एक खुले पत्र में कहा है कि हम चिंतित हैं कि पीड़ितों, चश्मदीदों, नागरिक समाज के स्वतंत्र सदस्यों तक आपकी कोई निर्बाध पहुंच नहीं होगी और यदि आप कमी के बारे में बोलते हैं तो आपकी आवाज़ें खामोश कर दी जाएंगी और चीनी सरकार द्वारा आपके सार्थक और निरंकुश पहुंच के विचारों को विकृत कर दिया जाएगा।‘
पत्र में बाचेलेट को तियानमेन पीड़ित माताओं और उनके ‘लापता’ बच्चों के साथ खड़े होने और उग्यूर और तिब्बती क्षेत्रों, हांगकांग और शेष चीन में उन सभी ‘लापता’ लोगों के लिए बोलने का आह्वान किया।
एमनेस्टी के कॉलमार्ड ने कहा, छह दिवसीय यात्रा में बाचेलेट ‘झिंझियांग में मानवता के खिलाफ अपराधों को देखेंगी और इनकी सरसरी तौर पर समीक्षा करे सकेंगी।‘
लेकिन कम से कम बाचेलेट की यात्रा को चीन की कार्रवाई के पीड़ितों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उग्यूर और अन्य मुस्लिम जिन्हें निशाना बनाया गया है और विदेशों में कई परिवार जो यह नहीं जानते हैं कि उनके रिश्तेदार कहां हैं और न्याय, सच्चाई का अनुपालन ठीक कैसे करें।