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शिलांग। शिलांग के तिब्बती कल्याण अधिकारी श्री पेमा धोंडुप ने १६ फरवरी २०२२ को मेघालय के माननीय राज्यपाल श्री सत्य पाल मलिक से राजभवन में शिष्टाचार भेंट की। निर्वासित तिब्बती संसद की सदस्य श्रीमती त्सेरिंग डोल्मा ने स्थानीय तिब्बती मठ के महंत और कल्याण अधिकारी के साथ मेघालय के राज्यपाल को कृतज्ञता के प्रतीक के रूप में पारंपरिक खटक (सफेद दुपट्टा) और स्मृति चिन्ह भेंट किया।
सांसद छेरिंग डोल्मा ने तिब्बती संसद की ओर से बधाई दी और आभार प्रकट किया और मार्च में आने वाले संसद सत्र के बारे में माननीय राज्यपाल को जानकारी दी। इसके अलावा, उन्होंने तिब्बत के अंदर की गंभीर स्थिति पर प्रकाश डाला, जिसके लिए राज्यपाल ने तिब्बत के न्यायोचित मुद्दे के प्रति अपनी एकजुटता जताई।
श्री पेमा धोंडुप ने भारत और तिब्बत के बीच आध्यात्मिक संबंधों के बारे में जानकारियां दी और नालंदा परंपरा से प्रबुद्ध भारतीय विद्वानों के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया, जिसने तिब्बत को बौद्ध धर्म का प्रकाश दिया। महामहिम राज्यपाल ने परम पावन दलाई लामा के साथ अपनी मुलाकात का स्मरण किया और परम पावन दलाई लामा के साथ बिताए क्षणों को याद कर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की।
सांसद और कल्याण अधिकारी ने नए मठ सह सांस्कृतिक केंद्र के चल रहे निर्माण के बारे में जानकारी दी जिसका उद्देश्य सौहार्दता, करुणा, क्षमा, सहिष्णुता, संतोष, शांति और अहिंसा जैसे मानवीय मूल्यों पर आधारित प्राचीन नालंदा परंपरा को एक दयालु और शांतिपूर्ण समाज बनाने के लिए एक केंद्र प्रदान करना है। माननीय राज्यपाल ने नए मठ और सांस्कृतिक केंद्र के उद्देश्यों और विषयों की सराहना की।
अंत में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन की ओर से सांसद और कल्याण अधिकारी दोनों ने भारत सरकार और राज्य सरकार को उनके गहन समर्थन और करुणापूर्ण आतिथ्य के लिए धन्यवाद दिया।