पंजाब केसरी, 21 मार्च 2015
नई दिल्ली: तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने आज आधुनिक शिक्षा प्रणाली की नैतिक मूल्यों को लेकर ज्यादा कुछ नहीं करने के लिए आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘21वीं सदी में विश्वास की समस्या से जूझ रहे हैं।
दुर्भाग्य से हमारी शिक्षा प्रणाली में भी नैतिकता नहीं है।
पश्चिमी देश जहां शिक्षा प्रणाली में धर्मनिरपेक्षता लागू करने पर विचार कर रहे हैं वहीं भारत में जहां यह विचार पिछले तीन हजार वर्षों से था, वहां कुछ नहीं किया जा रहा है।’’
80 वर्षीय नोबल पुरस्कार विजेता उच्च विद्यालय के छात्रों को संबोधित कर रहे थे। आध्यात्मिक नेता ने अपने संबोधन में ‘‘ईमानदारी, दोस्ती और प्यार’’ की बातें कीं।