वर्तमान में शांति की आवश्यकता है । और इसमें युवा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। बीसवीं सदी में जो कुछ भी अप्रिय हुआ उसके लिए शिक्षा की कमी नहीं, बल्कि नैतिकता की कमी जिम्मेदार है । आज का युवा शिक्षित है और जिम्मेदार भी इसके उपर 21 वीं सदी को संवारने की जिम्मेदारी है इसलिए शिक्षा के साथ नैतिकता भी जरुरी है। यह बातें बौद्व धर्म गुरु दलाई लामा ने जामिया मिलिया इस्लमिया विश्वविधालय के दीक्षांत समारोह के दौरान कही । उन्होंने कहा कि हर धर्म में कुछ उपद्रवी लोग होते है लेकिन इससे धर्म खराब नहीं हो जाता । सभी धर्मों का मूल एक ही है । उन्होंने कहा कि मैं शांति और सदभाव के साथ नैतिक मूल्यों की सुदृढता पर भी जोर देता हूं । उन्हे शांति , सदभाव , अहिंसा औऱ भाई चारा को बढावा देने के लिए डी लिट की उपधि से भी सम्मनित किया गया । इस अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि एक बार फिर जामिया की धर्मनिरपेक्ष छवि सामने आती है जामिया ने इस उपाधि के लिए एक मानवतावादी व्यक्ति को चुना है । जामिया के कुलपति नजीब जंग ने कहा कि इस संस्थान के छात्र बेहतर काम कर रहे है । उन्होंने छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि हम संसार में शांति और भाईचारा को बढाने के दिए कदम से कदम मिला रहे है । यह एक अच्छी पहल है। इस अवसर पर 3529 छात्रों को डिग्री और डिप्लोमा प्रदान किए गए इसके अतिरिक्त 147 गोल्ड मेडल भी दिए गए तथा 127 शोध छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गई ।
शिक्षा के साथ नैतिकता जरुरी । दलाई
[बुधवार, 24 नवम्बर, 2010 | स्रोत : AAJ SAMAJ]
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