आईबीएन खबर, 12 जनवरी 2012
बोध गया (बिहार)। तिब्बत के आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा ने बुधवार को कहा कि लोकतंत्र सर्वश्रेष्ठ राजनीतिक व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि कोई भी देश अपने नागरिकों से बनता है न कि धार्मिक नेताओं अथवा राजाओं से। बोध गया में बौद्ध कालचक्र पूजा के मौके पर एक समाचार चैनल से बातचीत में दलाई लामा ने कहा कि लोगों पर शासन करने का सबसे सर्वश्रेष्ठ तरीका लोगों द्वारा शासित होना है..यही लोकतांत्रिक व्यवस्था का सर्वश्रेष्ठ तरीका है।
बीते साल अपना राजनीतिक नेतृत्व त्यागने का हवाला देते हुए आध्यात्मिक नेता ने कहा कि वह वही व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा कि मैं यहां एक दलाई लामा, एक बौद्ध संन्यासी के रूप में आया हूं। उन्होंने कहा कि वह अब अपनी भूमिका को छोड़ने की अवस्था में आ चुके हैं और सभी महत्वपूर्ण निर्णय निर्वाचित राजनीतिक नेतृत्व के हाथों में हैं।
दलाई लामा ने कहा कि वह अब एक सलाहकार के समान हैं और मामलों में अब उनका सीधा नियंत्रण नहीं है। उन्होंने कहा कि तिब्बती समुदाय अपने लोकतांत्रिक अधिकारों को लेकर परिपक्व हो चुका है।