जागरण, 22 मई, 2012
संवाद सहयोगी, रिवालसर : तिब्बती समुदाय जिस देश में अपना जीवन यापन कर रहा है, वहां के कानून के दायरे में रहकर शांति बनाए रखे। यह बात निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री लोबसंग सांग्ये ने रिवालसर के डिवयूंग बौद्ध गोंपा के प्रांगण में उनके स्वागत में आयोजित समारोह में कही।
उन्होंने कहा कि तिब्बती समुदाय अहिंसा के मार्ग पर चलकर शांतिपूवर्क तिब्बत की आजादी के लिए अपना संघर्ष करे। सांग्ये ने तिब्बत में चीन सरकार की दमनकारी नीतियों, मुठभेड़ व गोलियों में मारे गए तिब्बतियों की आत्मा की शांति के लिए पूरे समुदाय की ओर से प्रार्थना की। रिवालसर मंडी, सुंदरनगर व पंडोह की तिब्बतियन यूनियन के प्रधान व निर्वासित तिब्बत सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे लोकल एसेंबली मेंबर थुनजे तेंद्र लामा ने मंडी के अलग-अलग हिस्सों में बस रहे तिब्बती समुदाय की समस्याओं को प्रधानमंत्री लोबसंग के समक्ष उठाया। लोबसंग ने तिब्बती समुदाय की मांगों को पूरा करने का भरोसा दिलाते हुए पूरे सहयोग की बात कही। इससे पूर्व सोमवार को लोबसंग ने रिवालसर के प्राचीन बौद्ध गोंपाओं के दर्शन किए। रिवालसर तिब्बतियन सोसायटी रिवालसर के पूर्व प्रधान कोनचोक छोडूक की अगुवाई में प्रधानमंत्री का भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर गृह सचिव सोनम तोषम्यल भी उपस्थित थे।