दैनिक जागरण, 21 नवम्बर 2014
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दुनिया के कई देशों में अशांति है। यदि विश्व में शांति लाना है तो देशों को आपस में सहयोग करने की जरूरत है। ये बातें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के ओपन लॉन में आयोजित जवाहरलाल नेहरू स्मृति व्याख्यान में मुख्य वक्ता बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने कहीं।
दलाईलामा ने जवाहरलाल नेहरू के चीन दौरे के बारे में बातें साझा की। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व में शांति तभी स्थापित हो सकती है जब लोग मानवीय मूल्यों को समझें। शांति के लिए शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
उन्होंने भारत में बौद्ध धर्म की उत्पत्ति और विस्तार पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति को उसका गौरव हासिल कराने के लिए युवाओं को आगे आना होगा। देश के लोगों को व्यक्तिगत ही नहीं सामूहिक स्तर पर भी प्रयास करने की जरूरत है। इस मौके पर जेएनयू के कुलाधिपति के कस्तूरीरंगन और कुलपति प्रो. एसके सोपोरी ने जेएनयू की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। जेएनयू तिब्बत फोरम ने लोगों का स्वागत किया। तिब्बत के छात्रों ने कंवेंशन सेंटर में चित्र प्रदर्शनी भी लगाई।