दैनिक जागरण, 10 दिसम्बर 2014
जागरण संवाददाता, कासगंज (एटा): तिब्बत के आध्यात्मिक गुरू 14वें दलाई लामा तेनजि़न ग्यात्सो के नोबेल पुरस्कार दिवस को तिब्बती समाज के लोगों ने दलाई लामा दिवस के रूप में मनाया। नगर के नेशनल कांपलेक्स में आयोजित कार्यक्रम के दौरान अध्यात्मिक गुरू के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला गया। तिब्बतियों ने दलाईलामा को शांति दूत बताया।
कार्यक्रम के दौरान तिब्बती विपिन ने कहा कि चौदहवें दलाई लामा तेनजि़न ग्यात्सो 29 मई 2011 तक तिब्बत के राजकीय प्रमुख रहे और उन्होंने अपनी सारी राजनीतिक शक्तियां तथा उत्तरदायित्व प्रजातात्रिक तरीके से चुने हुए तिब्बती नेतृत्व को हस्तातरित किए।
उन्होंने कहा कि दलाईलामा तनजिन ग्यात्सो को आज के दिन नोबेल पुरस्कार दिया गया था, तब से तिब्बती इस दिवस को दलाई लामा दिवस के रूप में मनाते हैं। कार्यक्रम को अन्य वक्ताओं ने संबोधित करते हुए दलाईलामा को शांतिदूत बताया। वक्ताओं ने कहा कि दलाईलामा ने तिब्बत के प्राकृतिक पर्यावरण की पुनस्र्थापना और संरक्षण के लिए भी कार्य किया। कार्यक्रम के दौरान मीना, संकिल, तेनजिन, केल्सन, कर्मय, मंगछो, पिंकीलंबा सहित आदि तिब्बत समाज के लोग मौजूद थे।