नई दिल्ली। तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने शनिवार को यहां दिए एक व्याख्यान में कहा कि भारत यानी महात्मा गांधी की भूमि अहिंसा की राह पर चलकर विश्व का नेतृत्व कर सकता है।
पूर्व राष्ट्रपति आर. वेंकटरमन की जन्मशताब्दी पर ‘अहिंसा एवं अध्यात्मवाद’ विषय पर आयोजित व्याख्यानमाला में उन्होंने कहा, “करुणा और अहिंसा महत्वपूर्ण है। ये लोगों में पूर्ण विश्वास पैदा करने का रास्ता और साधन हैं। भारत अहिंसा की राह पर चलकर विश्व का नेतृत्व कर सकता है।”
करुणा के महत्व के बारे में आध्यात्मिक गुरु ने कहा, “करुणा आपके अपने सुख के लिए है। केवल दवा सुख नहीं दे सकती है। अब चिकित्सक भी स्वीकार करते हैं कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए मन की शांति महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने कहा, “वास्तव में राष्ट्रों के बीच मजबूत तालमेल और मित्रता महत्वपूर्ण है। मित्रता के लिए विश्वास आवश्यक है और विश्वास के लिए आपमें करुणा होनी चाहिए।”
धर्म के संदर्भ में दलाई लामा ने कहा कि बहुत-से लोग कहते हैं कि वे धार्मिक हैं, लेकिन अपनी आस्था का वास्तविक अर्थ वे नहीं समझते।
व्याख्यानमाला का आयोजन नेहरू स्मृति संग्रहालय एवं पुस्तकालय में किया गया था, जिसमें पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी.ए. संगमा के अलावा तिब्बती आध्यामिक गुरु दलाई लामा, केंद्रीय जल संसाधन एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सलमान खुर्शीद ने भी व्याख्यान दिया।