दैनिक जागरण, 20 फ़रवरी 2015
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : निर्वासित तिब्बतियों ने अपने नववर्ष (लोसर) की शुरुआत विशेष पूजा के साथ की। मैक्लोडगंज, ताशीजोंग, भट्टू, नगरी व करमापा मठ में बौद्ध अनुयायियों ने लोसर पर पूजा-अर्चना की है। सुबह मैक्लोडगंज के मुख्य बौद्ध मंदिर में भी विशेष पूजा का आयोजन किया गया। इसमें निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री डॉ. लोबसंग सांग्ये सहित कई सांसदों ने भाग लिया।
प्रधानमंत्री डॉ. लोबसंग सांग्ये ने बौद्ध अनुयायियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि तिब्बत की आजादी की हर तिब्बती की इच्छा जल्द पूर्ण हो। तिब्बत की आजादी बहाल हो और दलाई लामा तिब्बत पहुंचे। इस पूजा-अर्चना के साथ एक सांस्कृतिक नृत्य भी प्रस्तुत किया गया। वहीं करमापा अवतार त्रिनले दोरजे ने भी इस नववर्ष की बधाई दी है। उन्होंने कामना की है कि विश्व में शांति और सौहार्द का वातावरण तैयार हो। वहीं, नववर्ष के पहले दिन निर्वासित तिब्बतियों ने अपने घरों में भी समारोह आयोजित किए।
लोसर उत्सव तीन दिन तक आयोजित किया जाएगा। पहले दिन लोग अपने घरों में पूजा-अर्चना करते हैं, दूसरे दिन वह धर्मगुरुओं की पूजा करते हैं और तीसरे दिन दलाई लामा की पूजा-अर्चना की जाती है।
हालांकि लोसर पर पहले विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे, लेकिन छह साल से अब कोई बड़ा आयोजन नहीं किया जा रहा है। अब बड़ी सादगी के साथ इसे आयोजित किया जा रहा है। चीन की दमनकारी नीतियों व तिब्बत में रह रहे तिब्बतियों पर चीन के अत्याचारों के विरोध में इस उत्सव पर कोई बड़ा आयोजन नहीं किया जा रहा है।