(24 अक्टूबर, 2012)
तिब्बत के लिए वर्धा स्थित एक भारतीय समर्थक संगठन नेशनल कैम्पेन फार तिब्बतन सपोटर्स ने तिब्बत आंदोलन के प्रति अपना समर्थन जताने के लिए एक मोटरसाइकिल रैली का आयोजन किया। वर्धा से नागपुर तक की इस मोटरसाइकिल रैली की शुरुआत 50 से ज्यादा मोटरसाइकिलों के साथ करीब 100 समर्थकों और नार्गेलिंग तिब्बती बस्ती के तिब्बतियों की मौजूदगी में हुर्इ। वर्धा नगर निगम के पूर्व चेयरमैन श्री शेखर शिंदे और जिला परिषद के पूर्व सदस्य श्री विजय अठाले ने इस मोटरसाइकिल रैली को हरी झंडी दिखार्इ।
तिब्बत की आजादी भारत की सुरक्षा के बैनर के साथ इस मोटरसाइकिल रैली की शुरुआत की गर्इ। इस रैली की शुरुआत दशहरे के दौरान की गर्इ थी और संयोग से इसी समय नागपुर के दीक्षाभूमि में डा. बाबा साहेब अम्बेडकर के धर्मचक्र दिवस की 56वीं वर्षगांठ भी मनार्इ जा रही थी। दशहरे के दिन पूरे भारत से दीक्षाभूमि पर डा. बी.आर. अम्बेडकर के 15 लाख से ज्यादा समर्थक जुटे हुए थे। यह उत्सव 23 से 25 अक्टूबर तक तीन दिन चला। धम्मभूमि पहुंच कर मोटरसाइकिल सवारों ने पुष्पांजलि कार्यक्रम किया और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ गए। धम्मभूमि एक महत्वपूर्ण स्थल है जहां भगवान बुद्ध की मूर्ति है।
नागपुर पहुंचने पर इस मोटरसाइकिल रैली का स्वागत नार्गेलिंग तिब्बती बस्ती के अधिकारियों एवं कर्मचारियों, स्थानीय तिब्बती सभा के अध्यक्ष, क्षेत्रीय तिब्बती युवा कांग्रेस और क्षेत्रीय तिब्बती महिला संघ की अध्यक्ष ने किया। रैली के समापन पर सभी मोटरसाइकिल सवारों को परंपरागत तिब्बती खाता (स्कार्फ) प्रदान किया गया। रैली के बाद भारतीय समर्थकों और तिब्बतियों ने दीक्षाभूमि तिब्बत स्टाल तक एक विरोध मार्च निकाला।
इस स्टाल पर तिब्बती बस्ती कार्यालय और तिब्बती महिला संघ ने सत्य की ज्वाला अभियान के लिए हस्ताक्षर जुटाए। यह अभियान नागपुर में कुछ हफ्तों पहले ही खत्म हुआ था। इस दौरान वहां पर जुटे लोगों को भारत-तिब्बत समन्वय केंद्र ने तिब्बत के बारे में हिंदी, अंग्रेजी और मराठी में जानकारी देने वाले पत्रक वितरित किए।
नेशनल कैम्पेन फार तिब्बतन सपोटर्स पिछले कर्इ वर्षों से भारत-तिब्बत समन्वय केंद्र के साथ मिलकर इस रैली का आयोजन कर रहा है। इस साल रैली के आयोजन का यह लगातार पांचवां साल था।