ल्हासा में तिब्बतियों को चीन की २०वां पार्टी अधिवेशन देखने के लिए मजबूर किया गया
सूत्रों का कहना है कि कड़े सुरक्षा उपायों के बीच शहर के निवासी अपने घरों तक ही सीमित हैं।
rfa.org / सांगयाल कुंचोक
१७ अक्तूबर, २०२२
आरएफएकी खबर के अनुसार,चीनी अधिकारी तिब्बत की क्षेत्रीय राजधानी ल्हासा के निवासियों को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के २०वें अधिवेशन को टेलीविज़न पर देखने का आदेश दे रहे हैं। तिब्बती लोगों को पार्टी अधिवेशन के समाप्त होने तक अपने घर छोड़ने से मना किया गया है।
तिब्बती सूत्रों का कहना है कि पश्चिमी चीनी प्रांतों के तिब्बती क्षेत्रों में मठों और स्कूलों को भी सप्ताह भर चलने वाली कार्यवाही देखने का निर्देश दिया गया है, जो रविवार से बीजिंग में शुरू हुआ है।
तिब्बत में रहने वाले एक सूत्र ने आरएफए को बताया कि ल्हासा के निवासी तिब्बती अब अपने घरों तक ही सीमित हैं, ताकि वे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अन्य शीर्ष नेताओं द्वारा दिए गए भाषणों पर बारीकी से ध्यान देकर सुन सकें।
आरएफए के सूत्र ने सुरक्षा के लिए नाम न छापने की शर्त पर कहा कि, ‘अधिवेशन के कारण कुछ दिन पहलेप्रत्येक परिवार के एक व्यक्ति को किराने का सामान और अन्य आवश्यक सामान लेने के लिए बाहर जाने की अनुमति दी गई थी, लेकिन अब किसी को भी अपने घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है।‘
एक अन्य तिब्बती स्रोत ने आरएफएको लिखते हुए कहा कि सिचुआन और किंघई प्रांतों के न्गाबा (चीनी- अबा), कार्देज़ (गांजी), और गोलोग (गुओलुओ) तिब्बती स्वायत्त प्रिफेक्चर में बौद्ध भिक्षुओं को भी अधिवेशन देखने के आदेश दिए गए हैं।
सूत्र ने कहा, ‘न्गाबा, ख्युंगचू (होंगयुआन)और ज़मथांग (रांगटंग) क्षेत्र के सभी स्कूलों को भी शुरू से ही पार्टी अधिवेशन की बैठकों को देखने का निर्देश दिया गया है।‘
आरएफएसे बात करते हुए भारत स्थित निर्वासित तिब्बती सरकार के केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के प्रवक्ता तेनज़िन लेक्षेय ने कहा कि बीजिंग को डर है कि पार्टी अधिवेशन की बैठकों के दौरान तिब्बती विरोध शुरू कर सकते हैं।‘
लेक्षेय ने कहा,‘यही कारण है कि उन्हें घर के अंदर रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है। चीनी सरकार ‘तिब्बत’ को एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा मानती है, लेकिन ये रणनीति तब तक सफल नहीं होगी जब तक कि तिब्बत की स्थिति का समाधान नहीं हो जाता।‘
पूर्व में एक स्वतंत्र राष्ट्रतिब्बत पर ७०साल से अधिक समय पहले चीनी सरकार द्वारा आक्रमण किया गया था और बलपूर्वक इसे चीन में शामिल किया गया था। इसके बाद तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा और उनके हजारों अनुयायी भारत और दुनिया भर के अन्य देशों में निर्वासन में भाग गए थे।
बीजिंग ने दलाई लामा पर तिब्बत में अलगाववाद भड़काने का आरोप लगाया है।
चीन के ६९ वर्षीय राष्ट्रपति शी जिनपिंग को इस सप्ताह पार्टी कांग्रेस के प्रतिनिधियों द्वारा तीसरे कार्यकाल के लिए निर्वाचित करने में व्यापक रूप से समर्थन किए जाने की उम्मीद है।शी जिनपिंग हाल के पार्टी मानदंडों को तोड़ते हुए माओत्से तुंग के बाद से चीन के सबसे शक्तिशाली शासक बन गए हैं।