अधिकारियों द्वारा तिब्बती क्षेत्रों में आवागमन और सभाओं पर प्रतिबंध समाप्त करने के बाद मृतक संख्या बढ़ीrfa.org
०४जनवरी, २०२३
तिब्बती सूत्रों का कहना है कि चीनी अधिकारियों द्वारा कोरोना बीमारी के प्रसार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लागू किए गए सख्त लॉकडाउन को दिसंबर की शुरुआत में समाप्त किए जाने के बाद से चीन के तिब्बती क्षेत्रों में कोविड जनितमौतें बढ़ रही हैं।
तिब्बत में रहने वाले एक सूत्र ने कहा कि तिब्बत की राजधानी ल्हासा में १०० से अधिक लोगों की मौत हो गई है। इस संख्या का खुलासा तब हुआ है जब पूरे चीन में व्यापक विरोध के बाद बीजिंग की शून्य-कोविड नीति के तहत प्रतिबंध को ०७ दिसंबर को हटा दिया गया।
सूत्र ने कहा, ‘केवल०२ जनवरी कोही माल्ड्रो गोंगकर के द्रिगुंग श्मशान में ६४शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इसके अलावा३० शवों का सेमोनलिंग श्मशान में, १७ का सेरा श्मशान में और अन्य १५ का तोलेंग डेचेन के श्मशान में अंतिम संस्कार किया गया। ‘सूत्र ने सुरक्षा कारणों से नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘इससे पहलेल्हासा क्षेत्र के इन श्मशानों में रोज केवल तीन से चार शवों का अंतिम संस्कार किया जाता था।‘ अन्य स्रोतों ने कहा कि सिचुआन, गांसु और किंघई के पश्चिमी चीनी प्रांतों के न्गाबा, सांगचू, कार्देज़ और लिथांग क्षेत्रों में भी तिब्बतियों की मृत्यु हुई हैं।सिचुआन में न्गाबा के कीर्ति मठ में इतने सारे शव लाए गए हैं कि कुछ को गिद्धों को खाने के लिए छोड़ दिया गया था।
१० भिक्षुओं की मौत
तिब्बत के एक अन्य सूत्र ने कहा कि अकेले न्गाबा काउंटी के मेरुमा गांव में ०७ दिसंबर से ०३ जनवरी के बीच १५ बुजुर्ग तिब्बतियों की मौत हो गई थी। सूत्र ने कहा, ‘लेकिन चीनी सरकार ने समय पर कोई चिकित्सा उपचार या जांच की व्यवस्था प्रदान नहीं की, जो बहुत ही चिंताजनक है। ‘‘हम हर दिन १० से १५ शवों को कीर्ति मठ में लाते हुए देख रहे हैं ताकि भिक्षु उनकाअंतिम संस्कार कर सकें। लेकिन पिछले चार दिनों के दौरान लगभग १० कीर्ति भिक्षुओं की भी मौत हुई हैं,जिनमें ज्यादातर बुजुर्ग या निजी स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त थे। अन्य सूत्रों ने कहा कि मृतकों और संक्रमितों के लिए प्रार्थना करने के लिए आयोजित की गई बड़ी सभाओं में शामिल होने के बाद कई लोग बीमार पड़ गए हैं।
हर क्षेत्र प्रभावित
सिचुआन के डर्ज काउंटी में रहने वाले एक तिब्बती ने अधिकारियों के कोप से बचने के लिए नाम न छापने की शर्त पर आरएफए को बताया, ‘तिब्बत में एक भी जगह नहीं है जहां कोविडनहीं पहुंचा है।‘सूत्र ने उदाहरण देते हुए कहा कि, मेरे अपने क्षेत्र मेंअब बहुत सारे लोग तेज बुखार के साथ बीमार हो रहे हैं। वहां बच्चों को टीका लगाने की अनुमति नहीं है, जो कि और भी चिंताजनक है। ‘साथ ही आरएफएसे बात करते हुएडर्जके एक अन्य सूत्र ने कहा कि उनके परिवार में अब हर कोई बीमार है, कोई भी इतना अच्छा नहीं हैकि वह खाना खरीदने के लिए बाहर जा सके। ‘मेरे परिवार केएक सदस्य पिछले आठदिनों से बीमार हैंऔर अभी भी ठीक नहीं हुआ है। हमें लगता है कि उन्हें कोविड है।‘उन्होंने कहा किलेकिन हमारे पास परीक्षण किट या चिकित्सा सुविधाएं नहीं हैं जिससे कि हमें निश्चित रूप से इस बारे में पता चल सके। इस बीच जब अधिकारियों ने निवासियों के आवागमन पर प्रतिबंधों में ढील दी तबन्गाबा के सूत्रों ने स्थानीय कोविड संक्रमणों में वृदि्ध की सूचना दी।एक सूत्र ने कहा, ‘मेरे अपने परिचितों के सर्कल मेंकम से कम ४० तिब्बती, जिनमें से कई बुजुर्ग थे, बीमार पड़ने के बाद मर गए हैं। ‘सरकारी अस्पतालों से जब इस मुद्दे पर टिप्पणी करने का अनुरोध किया गया तो उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया।गांसु के सांगचू काउंटी के एक अस्पताल ने केवल इतना कहा कि उनके यहां कई कोविड मरीज भर्ती हैं। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने २५दिसंबर को घोषणा की कि वह अब दैनिक कोविड मामलों की संख्या प्रकाशित नहीं करेगा। इसके बाद सार्वजनिक तौर पर यह चिंता व्याप्त हो गई कि आयोग प्रतिबंधों में ढील के बाद महामारी के प्रसार के बारे में जानकारी छिपाएगा।