वेबदुनिया, 2 जनवरी 2012
बोधगया स्थित कालचक्र मैदान में तिब्बती आध्यात्ममिक गुरु दलाई लामा के दिशा निर्देश में लामाओं ने सोमवार को पारपंरिक नृत्य किया और बौद्ध रीति-रिवाज से पूजा-अर्चना की।
मैदान में आयोजित कार्यक्रम में मंच पर भूमि पूजन और मंडला की तैयारियां की गईं। हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से आए लामाओं ने कालचक्र के लिए मंडला की तैयारी के क्रम में विशेष पारंपरिक नृत्य किया।
विश्व शांति के लिए हो रही 32वीं कालचक्र पूजा में भाग लेने के लिए देश विदेश से करीब दो लाख की संख्या में श्रद्धालु बोधगया में जुटे हैं। बौद्ध श्रद्धालुओं का आने का क्रम जारी है।
आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा कल तिब्बत से आए बौद्ध धर्माबलंबियों को शिक्षा देंगे। कालचक्र पूजा के पहले दिन कल कार्यक्रम में हालीवुड निर्देशक निर्माता और अभिनेता रिचर्ड गियर ने भाग लिया था। कालचक्र पूजा का समापन दस जनवरी को होगा।
पूरे बोधगया शहर में बडी संख्या में बौद्ध धर्मावलंबी और पर्यटकों का जमावड़ा लगा हुआ है। कल बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह देखते बन रहा था। कालचक्र मैदान गीला होने के बावजूद श्रद्धालुओं ने उसी स्थिति में पूजा की। बडी संख्या में बच्चे, बूढ़े और विकलांग श्रद्धालु बोधगया आए हुए हैं।
कालचक्र पूजा आयोजन समिति और प्रशासन के सहयोग से दूरदराज से आए बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए मगध विश्वविद्यालय परिसर और निरंजना नदी के तट पर शिविर बनाए गए हैं, जहां अस्थायी शिविरों में बिजली, पानी आदि का प्रबंध किया गया है।