१५ अक्तूबर, २०२२
धर्मशाला। भारत में चेक गणराज्य की राजदूत डॉ.. एलिस्का जिगोवा ने १४ अक्तूबर २०२२ को निर्वासित तिब्बती संसद में स्पीकर खेनपो सोनम तेनफेल से शिष्टाचार भेंट की।
अपने कक्ष में राजदूत का स्वागत करने के बाद स्पीकर ने तिब्बत और तिब्बतियों के प्रति अटूट समर्थन के लिए चेक गणराज्य का आभार व्यक्त किया और २०१४ में चेक गणराज्य में एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के अपने अनुभव के बारे में बात की। उन्होंने राजदूत को तिब्बती संसद की संरचना निर्वासन में तिब्बती संसद के कामकाज और कार्यक्रम के साथ ही चेक गणराज्य और यूरोप के अन्य देशों के तिब्बती संसदीय प्रतिनिधिमंडल के आगामी दौरे के बारे में जानकारी दी। बातचीत के दौरान स्पीकर ने यूरोपीय संघ से एक तिब्बत समन्वयक नियुक्त करने की आवश्यकता पर बल दिया।
डॉ. ज़िगोवा ने गर्मजोशी से अपने स्वागत की सराहना की और तिब्बती मुद्दे के लिए चेक गणराज्य के निरंतर समर्थन को दोहराया और तिब्बत की भाषा, विरासत, धर्म और मानवाधिकारों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने का आश्वासन दिया। राजदूत ने आगे उल्लेख किया कि विशेष तिब्बत-चेक संबंध परम पावन दलाई लामा और चेक के पूर्व राष्ट्रपति वैक्लेव हावेल की विशिष्ट मित्रता से उपजा है।