ब्रुसेल्स।यूरोपीय बौद्ध संघ (ईबीयू) ने २४ सितंबर २०२३ को अपनी वार्षिक आम बैठक के दौरान सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर चीनी सरकार से परम पावन दलाई लामा सहित तमामलामाओं के पुनर्जन्म को मान्यता देने सहित किसी भी तरह के तिब्बती बौद्ध मामलों में हस्तक्षेप न करने का आह्वान किया।
इसमें कहा गया है कि ‘ईबीयू पुष्टि करता है कि परमपावन दलाई लामा सहित तिब्बती लामाओं के पुनर्जन्म का चयन करनातिब्बती लोगों और गैंडेन फोडरंग का विशेषाधिकार है, जिसे तिब्बती बौद्ध परंपरा के अनुसार किया जाना चाहिए। ईबीयू अंतरराष्ट्रीय समुदाय से चीनी प्राधिकारी द्वारा नियुक्त किसी भी लामा को मान्यता न देने का भी आग्रह करता है।‘इसके अलावा, ईबीयू ने चीन सरकार से चीन-तिब्बत संघर्ष को हल करने के लिए परमपावन दलाई लामा के प्रतिनिधियों के साथ फिर से वार्ताशुरू करने का आह्वान किया।
तिब्बती प्रतिनिधि रिगज़िन जेनखांग ने समय पर की गई पहल का स्वागत करते हुए इस मामले मेंपरम पावन के मध्यम मार्ग दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए ईबीयू की सराहना की।
ईबीयू का यह आह्वान चीनी सरकार द्वारा हाल ही में ‘धार्मिक गतिविधि स्थलों के लिए प्रशासनिक उपाय’की घोषणा के बाद आया है, जिसे ‘आदेश संख्या १९’के तौर पर भी जाना जाता है। यह आदेश ०१ सितंबर २०२३ को लागू हुआ। माना जा रहा है कि यह कानूनतिब्बत और चीन में विभिन्न जगहों पर चल रहे धार्मिक दमन को और तेज कर देगा। यह उन उपायों की एक शृंखला में अगला कदम है,जिन्हें पीआरसी ने तिब्बती बौद्ध धर्म को निशाने पर लेते हुए अपने राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिएपेश कियाऔर कार्यान्वित किया है।
ईबीयू यूरोप केबौद्ध संगठनों और राष्ट्रीय बौद्ध संघों का अंतरराष्ट्रीय छतरी संगठन है।