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एक हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि अपने मोबाइल फोन में ‘राजनीतिक रूप से संवेदनशील जानकारी’ रखने के कारण इस साल जनवरी में ड्रागो में तीन तिब्बती तीर्थयात्रियों को गिरफ्तार किया गया। चीनी अधिकारियों ने इन तीर्थयात्रियों के मोबाइल फोन की जांच के आधार पर यह कार्रवाई की। रिपोर्ट में एक सूत्र के हवाले से कहा गया है कि हाल ही में ड्रागो मठ में ३० फुट ऊंची मैत्रेय प्रतिमा को तोड़े जाने की तस्वीरें और वीडियो इन तिब्बतियों द्वारा अपने मोबाइल फोन में रखने का मामला सामने आया है।
रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ्तार किए गए तीनों तिब्बती तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के ड्रक्यब काउंटी, चामडो (चीनीः चांगदू) के निवासी हैं और सेर्थर काउंटी के लारुंग गार में मठवासी समुदाय के दर्शन करने के बाद लौट रहे थे। बताया गया कि निरीक्षण के दौरान कुछ तस्वीरें उनके वीचैट खातों की पृष्ठभूमि में लगी पाई गईं। उन्हें फिलहाल चमडो थाने में रखा गया है।
एक अन्य पुष्ट घटना में इससे पहले ड्रागो मठ के एक भिक्षु ताशी दोरजे को ०१ या ०२ जनवरी २०२२ के आसपास गिरफ्तार किया गया था। उन पर तिब्बत के बाहर हाल ही में ड्रागो अशांति के बारे में जानकारी भेजने का आरोप लगाया गया था।
एक स्रोत ने बताया कि ड्रागो काउंटी में उच्च स्तर की सेंसरशिप लगी हुई है। यहां बुद्ध प्रतिमाओं के विध्वंस के फ़ोटो और वीडियो को रखना या साझा करना और फ़ोटो (बुद्ध प्रतिमा) को वीचैट पर पृष्ठभूमि (बैकग्राउंड) फ़ोटो के रूप में उपयोग करने को राजनीतिक रूप से संवेदनशील माना जाता है और इस आरोप में संबंधित व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक मामला चलाया जाता है।’
ड्रागो में हालिया अशांति पिछले अक्टूबर में उस समय शुरू हुई थी जब चीनी अधिकारियों द्वारा तिब्बती पहचान पर जानबूझकर और अथक हमले की शृंखला में एक तिब्बती मठवासी स्कूल को जबरन ध्वस्त कर दिया गया। इसके बाद दिसंबर में अधिकारियों ने दो विशाल बुद्ध मूर्तियों, स्थानीय निवासियों द्वारा अत्यधिक सम्मानित, 45 विशाल प्रार्थना-चक्रों और प्रार्थना झंडे को जलाने की शुरुआत की। विध्वंस के इन मामलों को उजागर करने के तिब्बतियों द्वारा किए गए हर प्रयास को बर्बरता से दबा दिया गया। परिणामस्वरूप, लगभग एक दर्जन तिब्बतियों को पकड़ लिया गया और उन्हें ‘राजनीतिक पुनर्शिक्षा’ पाठ्यक्रमों को पूरा करने के लिए भेज दिया गया।
अपने शासन के प्रति तिब्बती समुदाय का सम्मान और उनकी स्वीकृति अर्जित करने के चीन के हर प्रयास निरर्थक साबित हो रहे हैं। इस संबंध में हाल में की गई कार्रवाई के दौरान इसका विरोध करनेवाले तिब्बतियों के गिरफ्तार होने की अधिक खबरें सामने आ रही हैं।