वेटिकन रेडियो, 23 सितंबर 2014
मुम्बई, मंगलवार, 23 सितम्बर सन् 2014 (एशियान्यूज़): मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ऑसवल्ड ग्रेशियस ने कहा है कि सभी धर्मों के नेताओं को, मैत्री एवं साहचर्य के प्रोत्साहन हेतु, एकसाथ मिलकर काम करना चाहिये।
इस सप्ताहान्त, नई दिल्ली में दलाई लामा द्वारा “भारत में विद्यमान विविध आध्यात्मिक परम्पराएँ” शीर्षक के अन्तर्गत एक बैठक आयोजित की गई थी जो सोमवार को समाप्त हुई।
बैठक में उपस्थित नौ विभिन्न धर्मों के नेताओं एवं प्रतिनिधिमण्डलों को सम्बोधित अपने सन्देश में कार्डिनल ग्रेशियस ने कहाः “हम धार्मिक नेताओं को मानवजाति की सेवा में तथा देश के विकास हेतु मिलकर काम करना चाहिये। अपने विभाजनों को हम भूलें तथा उन बातों पर ध्यान केन्द्रित करें जो हममें सामान्य हैं तथा जो हमें एकता के सूत्र में बाँधती हैं।”
कार्डिनल ग्रेशियस ने कहा, “लोगों के बीच मैत्री एवं भाईचारे को बढ़ावा देने के लिये ज़रूरी है कि हम विभाजक तत्वों को अलग रखें तथा केवल अच्छाईयों की खोज करें।”
नई दिल्ली में सम्पन्न दो दिवसीय बैठक में हिन्दू, ख्रीस्तीय, बौद्ध, इस्लाम, जैन, यहूदी, ज़ारातुष्ट, बहाय तथा सिक्ख धर्मों के नेता तथा प्रतिनिधि शामिल हुए थे।
सन्त पापा फ्राँसिस के शब्दों को उद्धृत कर कार्डिनल महोदय ने कहा कि विश्व में आज हिंसा और युद्ध का बोलबाला है, निर्धनता तथा आर्थिक अन्याय के कारण लोग पीड़ित हैं और ऐसी स्थिति में मानव प्रतिष्ठा के सम्मान हेतु एकात्मता की नितान्त आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि स्वार्थ एवं आन्तरिक मूल्यों की कमी के कारण उक्त प्रश्नों पर स्थिति बिगड़ती जा रही है।
उन्होंने कहा कि भारत में हज़ारों साल से कई धर्मों और परम्पराओं के लोग एक साथ जीवन यापन करते आये हैं तथा सभी धर्मों के नेताओं का यह प्रयास रहना चाहिये कि वे लोगों के बीच शांति, मैत्री एवं भाईचारे को प्रोत्साहन प्रदान करें।