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ब्रुसेल्स, ३१ मई २०२२।प्रतिनिधि रिगज़िन जेनखांग ने यूरोपीय संसद में एनबीए के पूर्व बास्केटबॉल स्टार एनेस कांटर फ्रीडम और उपाध्यक्ष पिकेर्नो से मुलाकात की। वह ब्रसेल्स में दो दिवसीय एडवोकेसी दौरे पर हैं और इस दौरान सांसदों, पत्रकारों और अन्य संबंधित अधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं।
चीन सहित अधिनायकवादी शासनों के खिलाफ बोलकर अपने एनबीए करियर का बलिदान करने वाले एनेस कांटर फ्रीडम ने अपने अनुभव को साझा किया कि कैसे वह मानवाधिकारों की रक्षा में शामिल हो गए और अपने देश तुर्की द्वारा लगाए गए इंटरपोल ‘रेड नोटिस’के निशाने पर आ गए।
चर्चा के दौरान प्रतिनिधि जेनखांग ने ‘मन को नियंत्रित करने’की चीन की नई नीति के बारे में बात की। इसे अगर समय रहते नहीं पलटा गया तो तिब्बती धर्म, पहचान और संस्कृति के पूर्ण उन्मूलन का खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने श्रोताओं को यह भी बताया कि कैसे यूरोपीय और तिब्बती मूल के अन्य नागरिकों को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ न बोलने के लिए मजबूर और बेअसर किया जाता है।
तिब्बती लोगों की ओर से प्रतिनिधि जेनखांग ने उन तिब्बतियों के लिए बोलने की अपनी प्रतिबद्धता और तिब्बत और अन्य क्षेत्रों में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ एनेस कांटर की अवज्ञा के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त किया। कृतज्ञता के प्रतीक के रूप में उन्होंने एनेस कांटर को एक पारंपरिक सफेद दुपट्टा भेंट किया और उन्हें परम पावन दलाई लामा और आर्कबिशप डेसमंड टूटू द्वारा लिखित ‘बुक ऑफ जॉय’ की एक प्रति भेंट की। पुस्तक ग्रहण करते समय उन्होंने इस वर्ष की शुरुआत में परम पावन के साथ अपनी आभासी बातचीत को याद किया।
यूएनपीओ के महासचिव, विश्व उग्यूर कांग्रेस, बेल्जियम के प्रतिनिधि और स्टाफ सदस्य भी बैठक में उपस्थित थे।