मुंबई। तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने शनिवार को कहा कि वह अपने आपको अहिंसा और धर्म निरपेक्षता के भारतीय मूल्यों का संदेशवाहक मानते हैं। दलाई लामा ने यहा एक आध्यात्मिक प्रवचन में कहा कि भारत में अहिंसा और धर्म निरपेक्षता की केवल शिक्षा ही नहीं दी जाती, बल्कि इसका अभ्यास भी किया जाता है।
उन्होंने कहा कि देश से बाहर जहा कहीं भी मैं जाता हूं, इन संदेशों को ले जाने वाला सेवक हूं। दलाई लामा ने कहा कि 21वीं सदी की तकनीकी तरक्की से शाति, भाईचारा और खुशहाली नहीं आएगी। सभी धर्म इन मूल्यों की शिक्षा देते हैं, लेकिन भारत एकमात्र देश है जहा इन शिक्षाओं का पालन भी किया जाता है। मुंबई इसका जीता जागता उदाहरण है। उन्होंने कहा कि धन मन की शाति नहीं ला सकता। हमारी धार्मिक शिक्षाओं में आत्मिक शाति की ताकत, क्षमता और संभावनाएं हैं।
मारी धार्मिक शिक्षाओं में आत्मिक शाति की ताकत, क्षमता और संभावनाएं: दलाई लामा
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