tibet.net / नई दिल्ली।दुनिया भर के तिब्बतियों ने तिब्बती शहीदों को याद करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए १० मार्च को तिब्बती राष्ट्रीय जनक्रांति दिवस की ६४वीं वर्षगांठ मनाई। ये तिब्बती १९५९ में इसी दिन तिब्बत की राजधानी ल्हासा में एकत्रित हुए थे और तिब्बत पर कम्युनिस्ट चीन के अवैध कब्जे के खिलाफ खड़े हो गए थे। भारत में भी तिब्बत समर्थक समूहों ने तिब्बती भाइयों के साथ मिलकर तिब्बती शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही कम्युनिस्ट चीन द्वारा तिब्बत पर अवैध कब्जे का विरोध किया और तिब्बत की स्वतंत्रता के लिए आवाज उठाई।
दिल्ली मेंभारत-तिब्बत समन्वय संघ (बीटीएसएस)के महिला विंग की राष्ट्रीय महासचिव श्रीमती संध्या सिंह के नेतृत्व में इसके सदस्यों ने मजनुं का टीला स्थित समयेलिंग तिब्बती सेंटलमेंट कार्यालय द्वारा आयोजित ६४वें तिब्बती राष्ट्रीय जनक्रांति दिवस के आधिकारिक कार्यक्रम में भाग लिया। बीटीएसएस के सदस्य देहरादून, शिमला और मैनपाट में भी इस महत्वपूर्ण दिन को मनाने के लिए तिब्बती भाइयों और बहनों के साथ शामिल हुए।
भारत-तिब्बत सहयोग मंच (बीटीएसएम) के महासचिव श्री पंकज गोयल और इसके सदस्य क्षेत्रीय तिब्बती युवा कांग्रेस, दिल्ली द्वारा दिल्ली के जंतर-मंतर पर १० मार्च को आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। भारत-तिब्बत मैत्री संघ (आईटीएफएस) के वरिष्ठ सदस्य श्री श्याम गंभीर भी तिब्बत स्वतंत्रता आंदोलन के लिए अपना समर्थन और भावना व्यक्त करने के लिए कार्यक्रम में उपस्थित थे।
गुजरात के पाटन में बीटीएसएम ने इस अवसर पर आचार्य हेमचंद उत्तर गुजरात विश्वविद्यालय में एक जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। बीटीएसएम पश्चिमी क्षेत्र के समन्वयक श्री गजेंद्र कुमार जोशी ने तिब्बत में मानवाधिकारों के उल्लंघन से लेकर तिब्बत के अंदर तिब्बतियों के उत्पीड़न तक तिब्बत में किए गए अत्याचारों को दर्शाने वाली चीन की नीतियों की निंदा की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
बिहार के मुजफ्फरपुर में भारत-तिब्बत मैत्री संघ (आईटीएफएस) ने कम्युनिस्ट चीन द्वारा तिब्बत पर अवैध कब्जे की निंदा करते हुए तिब्बती राष्ट्रीय जनक्रांति दिवस की ६४वीं वर्षगांठ पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किया और प्रेस बयान जारी किया। आईटीएफएस बिहार के अध्यक्ष श्री हरेंद्र कुमार द्वारा संबोधित प्रेस बैठक में बड़ी संख्या में तिब्बत समर्थक शामिल हुए, जिसमें श्री सुरेंद्र कुमार, प्रोफेसर अरुण कुमार सिंह, प्रभात कुमार और विश्वानंद शामिल थे। सीतामढ़ी मेंआईटीएफएस के जिला अध्यक्ष डॉ. शशि रंजन कुमार के नेतृत्व में आईटीएफएस सदस्यों ने एक कार्यक्रम सह बैठक आयोजित की, जहां उन्होंने भारत सरकार से परम पावन दलाई लामा के दूतों और चीनी जनवादी गणराज्य के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता की जल्द बहाली के लिए चीन पर दबाव बनाने की मांग करते हुए प्रस्ताव पारित किया।
भारत-तिब्बत मैत्री संघ ने झारखंड के अध्यक्ष श्री सुदेश कुमार के नेतृत्व में हजारीबाग में, राजस्थान के जोधपुर में प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती रेशमा बाला के नेतृत्व में, महाराष्ट्र के अध्यक्ष श्री अमृत बंसोड़ के नेतृत्व में भंडारा में और कर्नाटक के बेंगलुरु और मैसूर में आईटीएफएस के सदस्य तिब्बती भाइयों और बहनों के साथ इस दिवस को मनाने के लिए शामिल हुए। असम के गुवाहाटी में ‘फ्री तिब्बत- ए वॉयस फ्रॉम असम’के संयोजक श्री सौम्यदीप दत्ता के नेतृत्व में गौहाटी प्रेस क्लब में ६४वां तिब्बती राष्ट्रीय जनक्रांति दिवस मनाया गया। इस अवसर पर इस मंच की समन्वयक श्रीमती नोवनीता शर्मा द्वारा लिखित ‘फ्री तिब्बत- ए वॉयस फ्रॉम असम’पुस्तक का विमोचन किया गया। सदस्यों ने कार्यक्रम के दौरान तिब्बती स्वतंत्रता के लिए पूरी एकजुटता के साथ तिब्बती राष्ट्रगान भी गाया।
अरुणाचल प्रदेश के तवांग मेंश्री ल्हुंडुप चोसांग के नेतृत्व में भारत-तिब्बत सहयोग मंच, भारत-तिब्बत मैत्री संघ और तवांग रंगडेन सोकचुंग ने इस महत्वपूर्ण दिन को मनाया। इस अवसर पर तवांग मठ से जनरल परेड ग्राउंड तक एक शांति रैली का आयोजन किया गया, जिसमें तवांग और उसके आसपास के एनजीओ और तिब्बत समर्थक शामिल हुए। इन लोगों ने कम्युनिस्ट चीन द्वारा तिब्बत पर अवैध कब्जे के खिलाफ नारे लगाए और तिब्बत की आजादी के लिए आवाज उठाई। भारत में तिब्बत समर्थक समूहों ने ६४वें तिब्बती राष्ट्रीय जनक्रांति दिवस के साथ-साथ१२ मार्च को ६४वां तिब्बती महिला क्रांति दिवस मनाया। समूहों ने भारत-तिब्बत समन्वय संघ (बीटीएसएस)के महिला विंग की राष्ट्रीय महासचिव श्रीमती संध्या सिंह और भारत-तिब्बत सहयोग मंच (बीटीएसएम) के महासचिव श्री पंकज गोयल के नेतृत्व में क्षेत्रीय तिब्बती महिला संघ, दिल्ली द्वारा जंतर-मंतर पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। राजस्थान के जोधपुरमें भारत-तिब्बत मैत्री संघ की महिला विंग की अध्यक्ष श्रीमती रेशम बाला की अध्यक्षता में संघ ने इस दिन को मनाया।