tibet.net / दिल्ली। भारत-तिब्बत सहयोग मंच (बीटीएसएम) द्वारा तिब्बत के ११वें पंचेन लामा गेधुन चोएक्यी न्यिमा की ३३वीं जयंती रविवार, २४ अप्रैल २०२२ के अवसर पर एक अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। पिछले २३ वर्षों से भारत-तिब्बत सहयोग मंच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य और वरिष्ठ प्रचारक माननीय इंद्रेश कुमारके मार्गदर्शन और बीटीएसएम के राष्ट्रीय महासचिव श्री पंकज गोयल के नेतृत्व में तिब्बत और कैलाश मानसरोवर की मुक्ति के लिए दृढ़ संकल्प के साथ काम कर रहा है।
वेबिनार कार्यक्रम की मेजबानी बीटीएसएम के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य डॉ. सचिन श्रीवास्तव और तिब्बत जन जागरूकता अभियान के सह-संयोजक डॉ. रवि गोंड ने की। कार्यक्रम की शुरुआत तिब्बती बौद्ध प्रार्थना के पाठ के साथ हुई और उसके बाद भारत-तिब्बत सहयोग मंच के आदर्श वाक्य की प्रस्तुति दी गई। वेबिनार की अध्यक्षता स्वामी डॉ. दिव्यानंद महाराज और बीटीएसएम राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती मुन्नी झा ने की।बीटीएसएम के महिला विभाग के राष्ट्रीय महासचिवने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया।
वेबिनार के दौरान श्री पंकज गोयल एक विशिष्ट वक्ता के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि ‘१०वें पंचेन लामा की मृत्यु के बाद परम पावन १४वें दलाई लामा ने १४ मई १९९५ को गेधुन चोएक्यी न्यिमा (जन्म २५ अप्रैल १९८९) को ११वें पंचेन लामा के पुनर्जन्म के रूप में मान्यता दी। ठीक तीन दिन बाद १७ मई १९९५ को ११वें पंचेन लामा और उनका परिवार लापता हो गया और चीनी सरकार ने उनकी जगह एक और लड़के को पंचेन लामा के रूप में थोप दिया जो दुर्भाग्यपूर्ण है। ११वें पंचेन लामा दुनिया के सबसे कम उम्र के राजनीतिक कैदी हैं। परम पावन दलाई लामा द्वारा उनके ३३वें जन्मदिन पर मान्यता प्राप्त ११वें पंचेन लामा को मेरी शुभकामनाएं। आप कहीं भी हों, स्वस्थ रहें और दीर्घायु हों यही मेरी सर्वोत्तम कामना है। मैं भगवान शंकर से प्रार्थना करता हूं कि पंचेन लामा को चीन की हिरासत से जल्द से जल्द रिहा किया जाए।’
दूसरे विशिष्ट वक्ता के रूप में इतिहासकार एवं तिब्बत विशेषज्ञ डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव उपस्थित थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि ‘असली ११वें पंचेन लामा की अनुपस्थिति में चीन के नकली पंचेन लामा का माओवादी होना निश्चित है। इसलिए इसमें कोई संदेह नहीं है कि चीन अगले दलाई लामा की चयन प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव डालने का हरसंभव प्रयास करेगा। वे अपने नकली पंचेन लामा का उपयोग कर निर्वासित तिब्बतियों के दावों को समाप्त करने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।’
वेबिनार के मुख्य अतिथि वक्ता के रूप में तिब्बती युवा कांग्रेस के अध्यक्ष गोंपो धुंडुप ने अपने संबोधन में कहा कि ‘२५ अप्रैल का यह दिन खुशी के साथ-साथ दुख का भी दिन है, क्योंकि हमारे ११वें पंचेन लामा अभी भी चीनी हिरासत में हैं। यह खुशी की बात है कि भारत तिब्बत की आजादी और ११वें पंचेन लामा की तत्काल रिहाई के लिए जोर-शोर से आवाज उठा रहा है। साथ ही भारत-तिब्बत सहयोग मंच जैसा विश्वस्तरीय संगठन तिब्बत के लिए दिन-रात प्रयासरत है। मैं अपने सभी तिब्बती लोगों की ओर से माननीय इंद्रेश कुमार और श्री पंकज गोयल के प्रति हृदय से धन्यवाद व्यक्त करता हूं।’
वेबिनार के अध्यक्ष, स्वामी दिव्यानंद महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि ‘तिब्बत की स्वतंत्रता और कैलाश मानसरोवर की मुक्ति के लिए हमें न केवल भारत स्तर से बल्कि दुनिया भर में एक स्वर में चीन की विस्तारवादी नीतियों का कड़ा विरोध करने की आवश्यकता है।
बीटीएसएम के राष्ट्रीय सचिव श्री विजय शर्मा ने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि हम अपने लक्ष्य में तभी सफल हो सकते हैं जब हम चीनी सामानों के उपयोग का बहिष्कार करें और स्वदेशी को अपनाएं। उन्होंने कहा कि चीन ने अपनी ‘छुपाओ और काटो’की नीति से पूरी दुनिया को परेशान कर रखा है।’ इस वेबिनार का उद्देश्य ११वें पंचेन लामा की चीनी हिरासत से तत्काल रिहाई के लिए दुनिया भर में तेज आवाज को मजबूत करना और उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबे जीवन की कामना करना था।