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धर्मशाला। भारत में विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार, २६ अप्रैल को धर्मशाला का दौरा किया और केंद्रीय तिब्बती प्रशासन और तिब्बती संघर्ष के साथ अपने समर्थन और एकजुटता की घोषणा की।
टीआईपीए में शिष्टमंडल का गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया था, जिसमें कलोन नोरज़िन डोल्मा, कशाग सचिव त्सेग्याल चुक्या द्रानी, डीआईआईआर सचिव कर्मा चोयिंग और गृह सचिव त्सेवांग डोल्मा शोसुर के साथ कार्यवाहक सिक्योंग कलोन ग्यारी डोल्मा शामिल हुए।
कालोन ग्यारी डोल्मा ने अपने संबोधन में ६० से अधिक वर्षों के निर्वासन में तिब्बतियों की मेजबानी करने और उनका समर्थन करने के लिए भारत सरकार और भारत के नागरिकों के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने तिब्बत में चीनी दमन की मौजूदा स्थितिके मद्देनजर कहा कि तिब्बती विरासत और सांस्कृतिक पहचान को भारत में ही पूरी स्वतंत्रता के साथ संरक्षित किया जा सकता है।
कलोन ने भविष्य में इसी तरह की ओर यात्रा के लिए निमंत्रण देते हुए कहा, ‘हम भारत सरकार और भारत के लोगों को हमारे घर से दूर निर्वासन में घर देने के लिए धन्यवाद देना चाहते हैं।’
शाम का समापन टीपा के कलाकारों द्वारा जीवंत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ हुआ।
भारतीय संसद के अतिथि प्रतिनिधिमंडल में बिहार से राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (जनता दल यू), पंजाब से गुरजीत सिंह औजला (कांग्रेस पार्टी), आंध्र प्रदेश से चंद्रशेखर बेल्लाना (कांग्रेस पार्टी),यूपी से हरीश द्विवेदी (भारतीय जनता पार्टी), तमिलनाडु से एस. ज्ञानथिरवियम (द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम), महाराष्ट्र से संजय हरिबाबू जाधव (शिवसेना), यूपी से जय प्रकाश (भारतीय जनता पार्टी), हिमाचल प्रदेश से किशन कपूर (भारतीय जनता पार्टी),पश्चिम बंगाल से सुनील कुमार मंडल (भारतीय जनता पार्टी), गुजरात से दीपसिंह शंकरसिंह राठौड़ (भारतीय जनता पार्टी), असम से अजीत कुमार भुइयां (निर्दलीय), राजस्थान से राजेंद्र गहलोत (भारतीय जनता पार्टी),ओडिशा से मुजीबुल्ला खान (बीजू जनता दल), यूपी से संजय सेठ (समाजवादी पार्टी) और छत्तीसगढ़ से के.टी.एस. तुलसी (कांग्रेस पार्टी) शामिल हुए।