जागरण, 6 मई, 2012
शिमला, जागरण संवाददाता। तिब्बत की निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री डॉ. लोबसांग सांग्ये ने रविवार को कहा कि तिब्बत की आजादी भारत की सुरक्षा के लिए बहुत ही जरूरी है। चीन ने 50 वर्ष से तिब्बत पर कब्जा कर रखा है। चीन के अनुचित हस्तक्षेप की वजह से तिब्बत पर तो प्रभाव पड़ ही रहा है, साथ ही बांग्लादेश और भारत की आर्थिक स्थिति पर दबाव पड़ रहा है।
डॉ. सांग्ये भारत तिब्बत सहयोग मंच की ओर से आयोजित एक संगोष्ठी में ‘तिब्बत की आजादी, भारत की सुरक्षा’ विषय पर बतौर मुख्य वक्ता अपने विचार रख रहे थे। उन्होंने कहा कि तिब्बत में चीन सिंधु और बह्मापुत्र नदियों पर बांध बना रहा है। इस वजह से तिब्बत सहित बांग्लादेश और भारत के कई हिस्सों में सिंचाई के स्रोत कम हो रहे हैं। चीनी सेना ने एक ही नदी पर 20 से अधिक बांध बना दिए हैं। इससे कभी भी आपदा आ सकती है। चीन, तिब्बत की आड़ में पड़ोसी राज्यों को कमजोर करने पर तुला हुआ है।
भारत की सुरक्षा के लिए भी चीन खतरा बनता जा रहा है। सांग्ये ने कहा कि भारत ने तिब्बती समुदाय का सबसे अधिक सहयोग किया है। अगर भारत उन्हें अपने यहां रहने की अनुमति न देता तो पता नहीं क्या होता।