नवदुनिया, 24 मार्च 2015
भोपल। तिब्बत से चीन के कब्जे के हटाने को लेकर 136 तिब्बती आत्मदाह कर चुके हैं और इसी विस्तरवादी चीन ने तिब्बत के बाद भारत में भी समस्याएं पैदा करना शुरू कर दिया है। आग अभी आपके घर से दूर है, लेकिन सतर्क नहीं हुए तो यह आपके घर तक भी पहुंच जाएगी। इसलिए भारत की तरफ से तिब्बतियों को राजनीतिक सपोर्ट की जरूरत है।
“वैश्विक परिदृश्य में तिब्बत की समस्या और समाधान“ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में यह बात भारत-तिब्बत समन्वय कार्यालय के संयोजक जिग्मे त्युलट्रीम ने कही। संगोष्ठी अभाविप के छात्र शक्ति भवन में आयोजित की गई।
जिग्मे ने कहा कि जिन तिब्बतियों ने अभी तिब्बत नहीं छोड़ है, उन्हें चीन का प्रशासन तमाम षड्यंत्रों के तहत चीन के प्रति झुकने को मजबूर कर रहा है। चही नहीं, चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाकर वहां के लोगों के जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र शर्मा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने भारत को पहले ही चेता दिया था कि चीन रूपी ड्रैगन अभी सो रहा है, लेकिन जिस दिन जाग गया तो भारत के लिए खतरा उत्पन्न हो जाएगा।