ब्रुसेल्स। गुरुवार ०७ दिसंबर २०२३ को २४वां यूरोपीय संघ-चीन शिखर सम्मेलन चीन की राजधानी बीजिंग में आयोजित हुआ। २०१९ के बाद यह पहला ऑफलाइन शिखर सम्मेलन था।
यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल, यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और यूरोपीय संघ का प्रतिनिधित्व करने वाले उच्च प्रतिनिधि जोसेप बोरेल ने इस दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली कियांग से मुलाकात की।
शिखर सम्मेलन के बाद यूरोपीय संघ के नेताओं की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने अपनी टिप्पणी में कहा, ‘यूरोपीय संघ की नीतियों में मानवाधिकार और मौलिक स्वतंत्रता सार्वभौमिक हैं और हम मानवाधिकार मामलों पर कभी भी आंखें नहीं मूंदेंगे। इसी कारण से आज हमने तिब्बत में मानवाधिकारों के उल्लंघन जैसे विशिष्ट मामलों पर चिंता जाहिर की और इस पर प्रकाश डाला है।
यूरोपीय संघ-चीन शिखर सम्मेलन के अंत में यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष की टिप्पणियों का बड़े मजबूत राजनीतिक संकेत के रूप में स्वागत करते हुए तिब्बती प्रतिनिधि रिगज़िन जेनखांग ने कहा, ‘इस तरह की घोषणा से पता चलता है कि यूरोपीय संघ तिब्बत से संबंधित मुद्दों को कितना महत्व देता है और यह उनके एजेंडे में शीर्ष पर बना हुआ है।’
ब्रुसेल्स स्थित तिब्बत कार्यालय के प्रतिनिधि रिगज़िन जेनखांग ने यूरोपीय संघ के नेताओं को बीजिंग जाने से पहले पत्र लिखकर उनसे शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी नेताओं के साथ तिब्बत के मुद्दे को उठाने का आग्रह किया था। पिछला यूरोपीय संघ-चीन शिखर सम्मेलन ०१ अप्रैल २०२३ को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुआ था।