अमर उजाला, 8 अक्टूबर, 2012
हिमालय क्षेत्र में चीनी शासन का विरोध करते हुए एक और तिब्बती ने आत्मदाह कर लिया। एक मानवाधिकार संगठन ने बताया कि चीन से असंतुष्ट दर्जनों लोगों ने यह कदम उठाया है, पर इस कड़ी में यह ताजा मामला है।
घटना शनिवार की है। उत्तर पश्चिम चीन के गासू प्रांत में आत्मदाह से पहले सांग्ये ग्यास्तो (27) ने तिब्बत में धार्मिक एवं भाषायी स्वतंत्रता का आह्वान किया तथा निर्वासित तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को वापस बुलाने की मांग की। सांग्ये के दो बच्चे हैं।
लंदन स्थित समूह ‘फ्री तिब्बत’ ने बताया कि यह घटना तसोई शहर में एक बौद्ध मठ के पास दोपहर में हुई। इसके बाद मठ एवं गांव के आसपास भारी संख्या में सेना तैनात कर दी गई। हालांकि गंनान तिब्बती स्वायत्त प्रांत कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस घटना के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। फ्री तिब्बत के निदेशक स्टीफानी ब्रिगडेन ने एक बयान में कहा कि सांग्ये का विरोध तिब्बतियों की दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाता है, व्यक्तिगत रूप से ये लोग आजादी की कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं।
समूह के अनुसार 2009 से अब तक चीन शासन के खिलाफ 50 से अधिक तिब्बती आत्मदाह कर चुके हैं। गौरतलब है कि चीन का कहना है कि तिब्बत हमेशा से उसके क्षेत्र का हिस्सा रहा है जबकि तिब्बतियों कहते हैं कि यह क्षेत्र सदियों से स्वतंत्र रहा है और बीजिंग का नियंत्रण तिब्बती संस्कृति को नष्ट कर रहा है।