टोक्यो। चीन में लोकतंत्र के लिए प्रतिबद्ध चीनी और जापानी समर्थकों ने ०४ जून २०२३ को टोक्यो के बुक्योकू कुमिन हॉल में तियानमेन चौक नरसंहार की ३४वीं वर्षगांठ मनाई। यह कार्यक्रम तियानमेन त्रासदी के पीड़ितों और दुनिया को यह याद दिलाने के लिए था कि लोकतंत्र के लिए चीनी संघर्ष अब भी जीवित और जारी है।
चाइनीज फेडरेशन फॉर डेमोक्रेसी के अध्यक्ष वांगडाई ने प्रतिभागियों और मीडिया का स्वागत किया। उन्होंने उनकी उपस्थिति के लिए और इस मुद्दे के प्रति रुचि दिखाने के लिए और साथ ही आंदोलन को समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया। वर्षगांठ के समारोह का विषय था ‘लेट अस नॉट फॉरगेट द तियानमेन स्क्वायर मस्कर (तियानमेन चौक नरसंहार को न भूलें)’।
चीनी मानवाधिकार कार्यकर्ता और १९८९ के तियानमेन स्क्वायर विरोध के दौरान के छात्र नेता झोउ फेंगसुओ वर्षगांठ समारोह में शामिल होने के लिए अमेरिका से आए थे। उन्होंने तियानमेन त्रासदी पर एक घंटे तक भाषण दिया और बताया कि कैसे चीनी कम्युनिस्ट नेताओं ने क्रूरता से प्रदर्शनकारियों युवाओं का संहार किया। उन्होंने कहा कि वह एक स्वतंत्र देश जापान में आकर खुश हैं, जहां वे स्वतंत्र रूप से अपने विचारों को अभिव्यक्त कर सकते हैं और स्वतंत्रता और लोकतंत्र के लिए बोल सकते हैं। शी जिनपिंग राष्ट्रीय सुरक्षा की बात करते हैं और वास्तव में अपनी सुरक्षा और कम्युनिस्ट शासन के लिए रक्षा खर्च बढ़ाते हैं। उन्होंने चीन के लोकतंत्रीकरण के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले युवा चीनी छात्रों की आवाज को आगे बढ़ाने के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए आयोजकों और जापान को धन्यवाद दिया।
परम पावन दलाई लामा के संपर्क कार्यालय के प्रतिनिधि डॉ़ आर्य छेवांग ग्यालपो ने इस अवसर पर बोलने का अवसर देने के लिए आयोजकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने स्वतंत्रता और लोकतंत्र की खोज और संघर्ष में चीनी लोगों के साथ तिब्बती समुदाय की एकजुटता व्यक्त की। उन्होंने समझाया कि तिब्बती चीनी विरोधी नहीं हैं, जैसा कि कम्युनिस्ट नेतृत्व द्वारा दुष्प्रचार किया गया है। उन्होंने मध्यम मार्ग दृष्टिकोण के सार की जानकारी दी और बताया कि कैसे यह दृष्टिकोण चीनी संविधान के ढांचे के अनुकूल है। उन्होंने आगे कहा कि २०१० के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता लियू शियाओबो जैसे लोगों को याद रखना बहुत महत्वपूर्ण है, जिन्होंने चीन में लोकतंत्र के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया।
प्रतिनिधि ग्यालपो के साथ आए तिब्बत हाउस के कर्मचारी छेल्हा ने श्रोताओं को ‘तिब्बत नीड़स योर हेल्प (तिब्बत को आपकी सहायता की आवश्यकता है)’ पुस्तक की प्रतियां वितरित कीं।
उग्यूर, दक्षिणी मंगोलिया, हांगकांग और फालुन गोंग समुदायों के सदस्यों और प्रतिनिधियों ने सीसीपी शासन की क्रूरता पर बात की और कहा कि सीसीपी नेतृत्व द्वारा मानव अधिकारों, लोकतंत्र और सार्वभौमिक मूल्यों को कम करके आंका जा रहा है और उनका उल्लंघन किया जा रहा है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्वतंत्रता और लोकतंत्र के लिए अपने आंदोलन का समर्थन करने की अपील की और चीन से भूमि और कब्जे वाले क्षेत्रों में अपनी दमनकारी नीति को रोकने का आग्रह किया।
बड़ी संख्या में पत्रकारों ने वर्षगांठ समारोह को कवर किया। जयंती समारोह के अंत में पत्रकार वार्ता का भी आयोजन किया गया। चीनी लोकतंत्र आंदोलन के सदस्यों और उनके समर्थकों ने इस दिन की सुबह चीनी दूतावास के सामने विरोध-प्रदर्शन किया। वर्षगांठ के महत्व को उजागर करने और जनता से तियानमेन स्क्वायर त्रासदी को न भूलने की अपील करने के लिए शाम को शिंजुकु पार्क में एक मोमबत्ती सभा भी आयोजित की गई।