tibet.net/ १९ अप्रैल, २०२३
टोक्यो। जापान के हिरोशिमा शहर में अगले महीने के शुरू में ही होने वाले जी-७ नेताओं के सम्मेलन के साथ, तिब्बत, उग्यूर, दक्षिणी मंगोलिया और हांगकांग के प्रतिनिधियों ने आज जापानी संसद के निचले सदन में एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया।
मॉडरेटर फूमी फुरुकावा के अनुसार प्रेस कांफ्रेंस का उद्देश्य जी-७ नेताओं का ध्यान मानवाधिकारों के उल्लंघन की बिगड़ती स्थिति और तिब्बत, उग्यूर, दक्षिणी मंगोलिया और हांगकांग में बढ़ते दमन की ओर आकर्षित करना था।
चीन में मानवाधिकारों के उल्लंघन की निगरानी के लिए जापानी संसदीय कॉकस के महासचिव मित्सुबिशी हिरोमी (चुगोकू जिन्केन क्यूमेई) और जापानी पार्लियामेंटरी ग्रुप फॉर तिब्बत के महासचिव कानूनविद इशिकावा अकीमासा ने प्रेस कांफ्रेंस में भाग लिया।
मित्सुबिशी हिरोमी ने मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के महत्व पर प्रकाश डाला और हाल ही में नागानो में विदेश मंत्रियों की बैठक और लोकतंत्र के सिद्धांत और कानून के शासन को कायम रखने वाली उनकी चर्चाओं का उल्लेख किया।
इशिकावा अकिमासा ने अंतरराष्ट्रीय मानदंडों की सुरक्षा के लिए जापान की प्रतिबद्धता को दोहराया और तिब्बत, उग्यूर, दक्षिणी मंगोलिया और हांगकांग के लिए समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने जासूसी के झूठे आरोप में चीन द्वारा जापानी नागरिकों की गिरफ्तारी पर प्रकाश डाला।
परम पावन दलाई लामा के संपर्क कार्यालय के प्रतिनिधि डॉ. आर्य छेवांग ग्यालपो ने प्रेस कांफ्रेंस में तिब्बत में कठिन और दमनकारी स्थिति के बारे में जानकारी दी और बताया कि कैसे शी जिनपिंग के ‘राष्ट्रीय पुनर्निर्माण’ और ‘वन चाइना पॉलिसी (एक चीन नीति)’ के नारे के तहत चीन सरकार तिब्बत की संस्कृति, धर्म और कब्जे वाले राष्ट्रों- तिब्बत, उग्यूर और दक्षिणी मंगोलिया की पहचान को नष्ट करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने जी- ७ नेतृत्व से आग्रह किया कि वे कब्जे वाले क्षेत्रों में मानवाधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता के लगातार उल्लंघन के लिए चीन की निंदा करते हुए एक कड़ा बयान जारी करें।
जापान-उग्यूर एसोसिएशन के उदा करीम, दक्षिणी मंगोलिया कांग्रेस के ओल्हुन्नुद डाइचिन, वर्ल्ड मंगोलिया पीपुल के ओलानचिमगे और जापान-हांगकांग डेमोक्रेसी एलायंस के सैम यिप ने सीसीपी शासन के तहत अपने-अपने क्षेत्रों में गंभीर परिस्थितियों की जानकारी देते हुए बात की। उन्होंने प्रेस से अनुरोध किया कि सीसीपी द्वारा मानवता के खिलाफ किए जा रहे भयानक अपराध पर अधिक ध्यान दिया जाए। इसके बाद मीडिया के सवालों का जवाब प्रतिनिधियों ने दिया।
चीन को मानवाधिकारों का उल्लंघन रोकने, धार्मिक और भाषा के अधिकारों का दमन रोकने और मैग्निट्स्की कानून लागू करने के लिए एक संयुक्त अपील जारी किया गया और इसे जी-७ नेताओं को सौंपने के अनुरोध के साथ मित्सुबिशी को सौंप दिया गया। इसके बाद इसे प्रेस वालों को भी वितरित किया गया।
सुपर संघ के श्रद्धेय कोबायाशी शुई और श्रद्धेय वाकाओमी ताकाशी ने अपनी एकजुटता दिखाने के लिए प्रेस बैठक में भाग लिया। जापान स्थित तिब्बत कार्यालय के सेल्हा, तिब्बती समुदाय जापान (टीसीजे) के अध्यक्ष तेनज़िन शेरब, और टीसीजे के सोनम डोलकर ने भी सम्मेलन में भाग लिया और तिब्बत हाउस जापान से हाल में प्रकाशित- ‘तिब्बत को आपकी मदद की ज़रूरत है’- पुस्तक को वितरित करने में मदद की।