(तिब्बतनरिव्यू.नेट, 08 सितंबर, 2018)
किसी समय में सुदूर क्षेत्र माने जानेवाले पश्चिमी तिब्बत का न्गारी का क्षेत्र अब दूरदराज का क्षेत्र नहीं रह गया है। न केवल बड़ी संख्या में चीनी आप्रवासियों ने इसे अपना घर बनाया है बल्कि चीन के महत्वपूर्ण परिवहन और पर्यटन में बुनियादी ढांचे के विकास के बाद यह एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण भी बन गया है। इस साल के पहले आठ महीनों के दौरान कुल 5,94,464 लोगों ने प्रिफेक्चर का दौरा किया, जो पिछले साल की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है।
चीन की ऑनलाइन तिब्बत समाचार सेवा eng.tibet.cn की 7 सितंबर की रिपोर्ट में कहा गया है कि पर्यटन राजस्व 72.4 करोड़ युआन (10.6 करोड़ अमेरिकी डॉलर) से अधिक हो गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर पिलर संख्या 219, न्गारी कुंशा हवाई अड्डे के निर्माण, पर्यटन सेवाओं में सुधार के साथ हाल के वर्षों में अधिकाधिक पर्यटकों ने न्गारी प्रीफेक्चर का दौरा किया था।
उन्होंने क्षेत्र के चारों ओर दौरे के लिए आरवी, मोटर साइकिल और ऑफ-रोड वाहनों में यात्रा की थी।
पूरे 2017 में प्रीफेक्चर का दौरा करने वाले पर्यटकों की संख्या 6,60,000 से अधिक रही।
इस प्रीफेक्चर से यारलंग त्संगपो (जो भारत में प्रवेश करने पर ब्रह्मपुत्र नदी बन जाता है), सिंधु नदी और गंगा नदी निकलती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस क्षेत्र को अक्सर ‘दस हजार पहाड़ों का पूर्वज’ और ‘सौ नदियों का उद्गम’ कहा जाता है। इसे गांग रिन्पोछे (माउंट कैलाश) के स्थान के रूप में जाना जाता है, जो हिंदुओं और जैनों के साथ-साथ तिब्बती बौद्ध धर्म और तिब्बत के प्राचीन धर्म बोन के अनुयायियों के लिए भी पवित्र स्थान है।
भारत की मुख्य विपक्षी कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी वर्तमान में अपने देश में प्रचार अभियान के बीच कैलाश-मानसरोवर की तीर्थयात्रा पर हैं जो हिंदुओं के देवाधिदेव भगवान शिव के निवास स्थान के रूप में जाना जाता है।