संस्कृतिक समाचार, 7 जुलार्इ, 2012
ललितपुर। तिब्बत के आध्यातिमक गुरू परम पूज्य दलार्इ लामा 77 वां जन्मोत्सव भारत तिब्बत मैत्री संघ के तत्वावधान में धूमधाम से मनाया गया।
उल्लेखनीय है कि आज जब विश्व में सर्वत्र हिंसा और घृणा का वातावरण व्याप्त है, पूज्य श्री दलार्इ लामा के शान्ति के संदेश ने भगवान बुद्ध और भगवान महावीर की मान्यताओं की उपयोकिता को एक बार पुन: स्थापित कर दिया है।
भारत तिब्बत मैत्री संघ के अध्यक्ष श्री सुधाकर तिवारी ने परम पावन दलार्इ लामा के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए, तिब्बत के स्वाभिमान पूर्ण अस्तित्व के लिए 53 वर्षे से उनके सतत संघर्ष के महत्व को रेखांकित किया। श्री तिवारी ने दलार्इ लामा के शतायु होने की शुभकामना व्यक्त करते हुए, भारत सरकार से अनुरोध किया कि बुद्धावतार श्री दलार्इ लामा को “भारत रत्न” के सम्मान से सम्मानित करना श्रेष्ठ भारतीय परंपरा का अनुसरण ही होगा।
इस अवसर पर फ्रैन्डस आफ तिब्बत के सचिव श्री विनोद त्रिपाठी ने भी परम पावन दलार्इ लामा के दीर्घ जीवन की कामना करते हुए आशा व्यक्त की कि श्री दलार्इ लामा के शांति और अहिंसा के उपदेशों से संपूर्ण विश्व लाभानिवत होगा।