ABTSS रिपोर्ट, 7 जुलाई 2015
आज दिनांक 06.07.2015 को परम पावन दलाई लामा जी के 80वें जन्मदिन के उपलक्ष में पं0 दीन दयाल उपाध्याय मैनेजमेंट काॅलिज के प्रांगण में विकलांग सहायता शिविर का आयोजन अन्तर्राष्ट्रीय भारत तिब्बत सहयोग समिति द्वारा किया गया। विकलांग शिविर के लिए दिनांक 28.06.2015 को एस0डी0 गल्र्स इण्टर काॅलिज, बुढ़ाना गेट मेरठ में 50 विकलांगो का पंजीकरण किया गया एवं जाँच के उपरान्त आज विकलांगो को 09 कान की मशीन, 01 व्हील चेयर, 01 जयपुर क्रत्रिम पैर, 03 एक पैर का कैलीपर, 01 क्रत्रिम हाथ, 12 दोनो पैरों के कैलीपर, 2 दोनो पैरों के कमर कट कैलीपर, एवं 02 काॅलर निःशुल्क शिविर स्थल पर वितरित किये गये।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि श्री हरिकान्त अहलूवलिया, महापौर मेरठ एवं विशिष्ट अतिथि श्री सत्यप्रकाश अग्रवाल, मेरठ कैन्ट विधायक ने द्वीप प्रज्जवलन एवं दलाई लामा जी व स्व0 कुलभूषण बख्शी जी के चित्रों पर माल्यार्पण कर किया। इसके बाद समिति के अध्यक्ष श्री मयंक अग्रवाल जी ने मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि का बुके देकर सम्मानित किया। समिति के महामंत्री डाॅ0 निर्देश वशिष्ठ ने कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय भारत तिब्बत सहयोग समिति परम पावन जी का जन्मदिन विकलांगो को सहायक उपकरण बांटकर मनाती है, चूँकि परम पावन जी मानव सेवा के अग्रणी पक्षधर हैं। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए समिति के अध्यक्ष श्री मयंक अग्रवाल जी ने कहा कि परम पावन जी से बढ़कर त्याग एवं मानव सेवा के क्षेत्र में कोई प्रतिमूर्ति नहीं हो सकती।
दलाई लामा जी का जन्म 6 जुलाई 1935 को तिब्बत में हुआ था और दलाई लामा के पद पर आसीन होने वाले वे 14वें दलाई लामा हैं। 1949 में चीन ने जबरन तिब्बत पर हमला कर कब्जा कर लिया था। चीनी आक्रमण के बाद दलाई लामा जी ने अपने सहयोगियों के साथ भागकर भारत में शरण ली। तब से लेकर अब तक भारत के हिमाचल में धर्मशला में तिब्बत की आजादी के लिए तिब्बती निर्वासित सरकार कार्यरत है एवं दलाई लामा जी समस्त विश्व में शांति का मार्ग अपनाते हुए तिब्बती आजादी के लिए समर्थन में जुटे हुए हैं। अध्यक्ष महोदय ने दलाई लामा जी को इंसालियत के भगवान की संज्ञा प्रदान की एवं उनकी तुलना भगवान गौतम बुद्ध से की। अध्यक्ष जी ने कहा कि वे दलाई लामा जी की लम्बी उम्र एवं तिब्बती की आजादी की कामना करते हैं।
मुख्य अतिथि श्री हरिकान्त अहलूवालिया ने अपने भाषण में कहा कि आज समाज को परम पावन दलाई लामा जैसे के शांति के दूतों की बहुत आवश्यकता है एवं अन्तर्राष्ट्रीय भारत तिब्बत सहयोग समिति मेरठ द्वारा किये जा रहे मानव सेवा कार्यों की सराहना की। मुख्य अतिथि ने कहा कि जो समाज सेवा का बीज स्व0 कुल भूषण बख्शी जी ने बोया है उसको सींचना अन्तर्राष्ट्रीय भारत तिब्बत सहयोग समिति के समस्त सदस्यों का कर्तव्य है। कैन्ट विधायक ने अपने भाषण में कहा कि परम पावन जी का जीवन बड़ा ही संघर्षमय रहा है और परम पावन जी अपने जीवन काल में ही तिब्बत को आजाद करायें ऐसी उनकी परम पावन जी को शुभकामना है। तद्उपरान्त मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि ने विकलांगो को विकलांग सहायता उपकरण वितरित किये। डाॅ0 डी0के0 पाल द्वारा मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि एवं सभागार में मौजूद समस्त व्यक्तियों का धन्यवाद दिया गया एवं परम पावन जी की तुलना रामजी एवं कृष्णजी से की क्योंकि रामजी एवं कृष्णजी को भी मानव धर्म निभाने के लिए अपना घर छोड़ना पड़ा था। मंच का संचालन डाॅ0 निर्देश वशिष्ठ, महामंत्री ने किया।
विकलांग सहायता उपकरणों के वितरण में डाॅ0 गौरव अग्रवाल, संयुक्त मंत्री ने मुख्य भूमिका निभाई। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष श्री मयंक अग्रवाल, महामंत्री डाॅ0 निर्देश वशिष्ठ, संयुक्त मंत्री डाॅ0 गौरव अग्रवाल, संयुक्त मंत्री श्री होती लाल लोधी, मंत्री श्री कृष्णबल शर्मा, वरिष्ठ समिति सदस्य डाॅ0 डी0के0 पाल एवं अशक कुमार गर्ग, सुनन्दा बख्शी, डाॅ0 चारु शर्मा, डाॅ0 मनोज शर्मा, डाॅ0 रोबिन्स रस्तौगी, डाॅ0 अमित शर्मा, डाॅ0 नीता गौड़, डाॅ0 रचना त्यागी, डाॅ0 मंजू चैधरी, डाॅ0 प्रतिमा, रतन, अरूण, अमोल इत्यादि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अन्त में विकलांगो, समिति सदस्यों एवं अतिथियों के लिए उचित जलपान की व्यवस्था की गई।