tibet.net / धर्मशाला। तिब्बती मुद्दों के लिए अमेरिका की विशेष समन्वयक उजरा ज़ेया आज यानि गुरुवार १९ मई की सुबह परम पावन दलाई लामा के साथ धर्मशाला के मैक्लॉडगंज स्थित उनके आधिकारिक आवास पर श्रोताओं से रू-ब-रू हुईं। श्रोताओं में सिक्योंग पेन्पा छेरिंग, डीआईआईआर कालोन नोरज़िन डोल्मा, प्रतिनिधि नामग्याल चोएडुप और अमेरिका की विशेष समन्वयक के साथ आए प्रतिनिधिमंडल के सदस्य शामिल रहे।
अपने संबोधन के दौरान अमेरिका की विशेष समन्वयक ने परम पावन दलाई लामा को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और अमेरिकी लोगों की ओर से बधाई दी। उन्होंने परम पावन दलाई लामा के अच्छे स्वास्थ्य के लिए शुभकामनाएं भी दीं और परम पावन द्वारा दिए गए शांति के संदेशों के लिए दुनिया की ओर से उनके प्रति आभार व्यक्त किया।
परम पावन दलाई लामा और तिब्बती मुद्दों के लिए अमेरिका की विशेष समन्वयक ने भी अमेरिका और भारत में स्वतंत्रता और लोकतंत्र की समृद्ध परंपराओं पर चर्चा की। परम पावन ने तिब्बती मुद्दों के लिए अमेरिका की विशेष समन्वयक से मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की और पूरी मानवता की एकता पर बल दिया। इस अवसर पर परम पावन ने अपने जीवन की चार मुख्य प्रतिबद्धताओं- सार्वभौमिक मूल्यों को बढ़ावा देना, धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देना, तिब्बत की संस्कृति और पर्यावरण का संरक्षण और प्राचीन भारतीय ज्ञान का पुनरुद्धार- की व्याख्या भी की। परम पावन दलाई लामा ने आगे कहा कि चीन एड़ी-चोटी का जोर लगा लेने के बावजूद तिब्बती लोगों को जीतने और उनके विचारों को बदलने में विफल रहा है। परम पावन ने कहा कि उल्टे स्वयं चीनी लोगों की सोच तेजी से बदल रही है।
तिब्बती मुद्दों के लिए अमेरिका की विशेष समन्वयक १८-१९ मई तक धर्मशाला के दो दिवसीय दौरे पर हैं। कल यानि बुधवार १८ मई को उन्होंने केंद्रीय तिब्बती प्रशासन का दौरा किया और सिक्योंग पेन्पा छेरिंग की अध्यक्षता वाले १६वें कशाग के साथ चर्चा की। उन्होंने निर्वासित तिब्बती संसद, तिब्बती प्रदर्शन कला संस्थान (टीआईपीए), तिब्बत संग्रहालय का भी दौरा किया और तिब्बती नागरिक समाज के सदस्यों से भी मुलाकात की।