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मास्को, रूस। रूसी संघ, यूक्रेन और कजाकिस्तान में तिब्बत समुदायों के मित्रों ने इस साल भी 25 अप्रैल को 11वें पंचेन लामा गेधुन चोएक्यी न्यिमा का जन्मदिन मनाया। आम तौर पर जन्मदिन का जश्न खुशी का अवसर होता है। हालांकि, पूरे बौद्ध जगत के लिए इस अवसर पर ऐसा नहीं है, क्योंकि 26 साल पहले चीनी सरकार द्वारा अपहरण कर लिए जाने के बाद से 11वें पंचेन लामा के ठिकाने का पता नहीं चल पाया है। इसलिए हर्ष और विषाद की दोहरी भावनाओं के बीच उनका 32वां जन्मदिन दुनिया भर में मनाया गया।
11वें पंचेन लामा गेधुन चोएक्यी न्यिमा का जन्म 25 अप्रैल 1989 को तिब्बत के लहारी काउंटी में हुआ था। 14 मई, 1995 को परम पावन 14वें दलाई लामा ने एक आधिकारिक बयान में 10वें पंचेन लामा के पुनर्जन्म की पहचान गेधुन चोएक्यी न्यिमा नाम के इसी छह वर्षीय बालक में की। इसके तीन दिन बाद ही 17 मई को छोटे लामा और उनके माता-पिता बिना किसी निशान के गायब हो गए।
दुनिया के सार्वजनिक और राजनीतिक नेताओं द्वारा गेधुन चोएक्यी न्यिमा को रिहा करने के बारे में बार-बार अनुरोध और बयानों के बावजूद 1995 से चीनी सरकार ने पंचेन लामा के बारे में किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी है। चीनी नेतृत्व ने अपनी ओर से एक बच्चे को 11वां पंचेन लामा घोषित कर तिब्बतियों के बीच एक अनैतिक प्रतिस्थापन किया है और असली पंचेन लामा के स्थान को गुप्त रखा है। संयुक्त राष्ट्र के एक प्रस्ताव द्वारा उन्हें दुनिया के सबसे कम उम्र के राजनीतिक कैदी के रूप में मान्यता दी गई है। असली पंचेन लामा और उनके परिवार का ठिकाना अभी भी अज्ञात है।
काल्मिकिया के बौद्धों के प्रमुख और रूस, मंगोलिया और सीआईएस देशों में परम पावन दलाई लामा के पूर्व मानद प्रतिनिधि तेलो तुल्कु रिनपोछे ने काल्मिक गणराज्य से आए श्रोताओं को पंचेन लामा की कहानी सुनाई और तिब्बती बौद्ध समुदाय के लिए इस व्यक्ति के महत्व का खुलासा किया। इसके साथ ही पंचेन लामाओं और दलाई लामाओं के इतिहास को दोहराया, जो दुखद और जटिल है। तिब्बती लोग दलाई लामा को लौकिक और आध्यात्मिक मामलों में सर्वोच्च मानते हैं लेकिन पंचेन लामा को भी आध्यात्मिक मामलों में सर्वोच्च माना जाता है। यह संघर्ष का एक स्रोत रहा है। दोनों को बोधिसत्वों का अवतार माना जाता है। अर्थात ऐसा प्राणी जो तब तक बार-बार पुनर्जन्म लेता रहेगा, जब तक कि सभी भव्य जीवों को निर्वाण प्राप्त नहीं हो जाता है।
सच्चे बौद्धों का मानना है कि परम पावन दलाई लामा की मृत्यु के बाद उनका पुनर्जनम होगा। परम पावन अभी 85 वर्ष के हो चुके हैं। बौद्धों का यह विश्वास पिछले 600 वर्षों से बना हुआ है जिसके अनुसार दलाई लामा का पुनर्जन्म होता है।
परंपरागत रूप से दलाई लामा अपने देहावसान से पहले खुद निर्देश देते हैं। वे अपना यह विचार बताते हैं कि उनके अपने पुनर्जन्म के लिए नए बच्चे की तलाश कहां की जाए जो उनके उपदेशों को आगे बढ़ाएगा। लेकिन इस बार, चीनी राजनीति की घुसपैठ परम पावन के अगले पुनर्जन्म की खोज को जटिल बना सकता है।
पंचेन लामा के साथ जो हुआ उससे हमें सतर्क होना चाहिए और हमें सोचना चाहिए कि हम सच्चे बौद्ध धर्म के अनुयायी ऐसे मामले के लिए कितनी अच्छी तरह तैयार हैं। हम अपने आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के भविष्य के पुनर्जन्म की रक्षा कैसे कर सकते हैं?
काल्मिक गणराज्य के शादजिन लामा, तेलो तुल्कु रिनपोछे ने यह भी बताया कि काल्मिकिया क्षेत्र में अवशेष पाए गए हैं, जो पत्रों के रूप में हैं। इन पत्रों से तिब्बत के पंचेन लामाओं के साथ काल्मिक लोगों के गहरे संबंध की पुष्टि होती हैं। इसके साथ ही रेशमी कपड़े पर छठे पंचेन लामा की मुहर के साथ कशीदाकारी विशेष निर्देश प्राप्त हुए हैं। काल्मिक सेंट्रल खुरुक प्रशासन ने पंचेन लामा संस्थान को समर्पित एक प्रदर्शनी आयोजित करने की योजना बनाई है। तिब्बत और काल्मिक लोगों के बीच के घनिष्ठ संबंधों की याद दिलाने के लिए ऐसी प्रदर्शनी आवश्यक है।
काल्मिकिया गणराज्य के तिब्बत के मित्र समुदाय की ओर से एंटोनिना कूकुयेवा ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने श्रोताओं को तिब्बत के 11वें पंचेन लामा के बारे में संक्षिप्त कहानी सुनाई।
25 अप्रैल को ‘फ्रेंड्स ऑफ तिब्बत इन यूक्रेन’ के सदस्यों ने परम पवित्र पंचेन लामा गेधुन चोएक्यी न्यिमा के जन्मदिन के अवसर पर ओडेसा में चीनी दूतावास के सामने धरने के रूप में एक सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन किया। 11वें पंचेन लामा के जन्मदिन के अवसर पर सेंट पीटर्सबर्ग के तिब्बत समुदाय के मित्रों ने समुदाय के बुजुर्गों द्वारा हस्तनिर्मित 108 तेल के दीपक जलाए और प्रार्थना की।
तुवा गणराज्य के फ्रेंड्स ऑफ तिब्बत सोसाइटी ने एक प्रार्थना सभा आयोजित की और पंचेन लामा के जन्मदिन समारोह के सम्मान में लंग-टा प्रार्थना ध्वज फहराए। इसके अलावा, मास्को के तिब्बत समुदाय के सदस्यों द्वारा पंचेन लामा गेधुन चोएक्यी न्यिमा के लिए प्रार्थना सभा मास्को में तिब्बत संस्कृति और सूचना केंद्र में आयोजित की गईं और उन्हें शुभकामनाएं दी गईं।
बुरातिया के तिब्बती समुदाय के सदस्यों ने रूसी विज्ञान अकादमी के बुरात वैज्ञानिक केंद्र के वैज्ञानिकों की भागीदारी के साथ उलान उडे में तिब्ब्तन सेंटर ऑफ द बुद्धा ऑफ मेडिसीन में एक प्रार्थना सभा आयोजित की।
नोवोसिबिर्स्क में ‘बुद्ध शाक्यमुनि’ ध्यान केंद्र में भी लोग 11वें पंचेन लामा गेधुन चोएक्यी न्यिमा का 32वां जन्मदिन मनाने के लिए इकट्ठे हुए। इस अवसर पर बहुत ही शांत और सौहार्दपूर्ण माहौल में प्रथम पंचेन लामा लोबसांग चोएक्यी ग्याल्त्सेन द्वारा रचित महान पाठ ‘सभी विजयी लोगों का मुख्य मार्ग, महामुद्रा’ का पाठ और ध्यान का आयोजन किया गया। इन पुण्य कार्यों के सभी गुण सभी भव्य जीवों के प्रेम, करुणा और बोधिचित्त को समर्पित थे।
– ओओटी, मास्को द्वारा जारी