tibet.net / न्यूयॉर्क। न्यूयॉर्क और उसके आसपास रहने वाले तिब्बती युवाओं और युवा पेशेवरों के लिए ०१ मई २०२२ को न्यूयॉर्क स्थित तिब्बती सामुदायिक केंद्र के हॉल में वोलेंटियरली तिब्बत एडवोकेसी ग्रुप (स्वैच्छिक तिब्बत पैरवी समूह) द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ‘तिब्बती युवाओं और युवा पेशेवरों का सिक्योंग के साथ बातचीत (इंटरेक्शन विद सिक्योंग: तिब्बतन यूथ़्स एंड यंग प्रोफेशनल्स)’ पहल के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में तिब्बती आंदोलन में युवाओं की भागीदारी के महत्व पर प्रकाश डाला गया और इस बात पर चर्चा की गई कि तिब्बती युवा तिब्बती आंदोलन में कैसे योगदान दे सकते हैं।
वोलेंटियरली तिब्बत एडवोकेसी ग्रुप या वी-टैग की शुरुआत १६वें कशाग द्वारा की गई है। इसका प्राथमिक उद्देश्य तिब्बत के व्यापक उद्देश्य के लिए प्रत्येक तिब्बती को अपने तरीके से योगदान करने के लिए एक मंच प्रदान करके दुनिया भर में मौजूदा पैरवीकारी अभियानों को मजबूत करना है। इसे पिछले साल ०६ नवंबर को ज्यूरिख में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के सिक्योंग पेन्पा छेरिंग द्वारा लॉन्च किया गया था।
कार्यक्रम में सूचना और अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग में तिब्बत पैरवीकारी अनुभाग के प्रमुख दुक्थेन क्यी ने तिबबती युवाओं को वोलेंटियरली तिब्बत एडवोकेसी इनिशिएटिव के बारे में बताया। उन्होंने व्यापक प्रस्तुति के माध्यम से वी-टैग पहल के प्रमुख पहलुओं का वर्णन किया। इसमें इसके लक्ष्य, इसकी जरूरत और वी-टैग सदस्यों के साथ-साथ इसमें शामिल पक्षों की भूमिकाएं और जिम्मेदारियों के बारे में समझाया गया। दुक्थेन क्यी ने विशेष रूप से अमेरिका और कनाडा में वी-टैग के कामकाज पर चर्चा की। उन्होंने इन देशों में नए कार्यक्रम के साथ और अधिक तिब्बती युवाओं को पंजीकृत कराने की आवश्यकता पर बल दिया। युवा श्रोताओं ने पूरी प्रस्तुति को ध्यान से सुना।
वी-टैग पर युवाओं की भागीदारी के बारे में चर्चा के बाद सिक्योंग पेन्पा छेरिंग ने १९४८ में व्यापार प्रतिनिधिमंडल द्वारा अमेरिका के साथ तिब्बत के पहले राजनीतिक संबंधों और इसके बाद सीआईए की सहायता से चीनियों के खिलाफ विद्रोह के लिए निर्वासित तिब्बतियों के प्रशिक्षण की ऐतिहासिक कहानी सुनाई। सिक्योंग ने तिब्बत को लेकर अमेरिका के न्यूयार्क स्थित संयुक्त राष्ट्र के १९५९, १९६१ और १९६५ के तीन प्रस्तावों की व्याख्या की और तिब्बत और संयुक्त राष्ट्र के बीच राजनीतिक संबंधों पर युवा तिब्बतियों का ज्ञानवर्द्धन किया।
इसके अलावा सिक्योंग ने युवाओं से तिब्बत के मुद्दे पर अमेरिकी सरकार का समर्थन हासिल करने की परम पावन दलाई लामा की कड़ी मेहनत और दृढ़ता को याद रखने का आग्रह किया। सिक्योंग ने बताया कि तिब्बतियों के लिए अमेरिका का वर्तमान समर्थन १९७९ में दलाई लामा की अमेरिका की पहली यात्रा के बाद मिला। इसके बाद के दशकों में उन्होंने अमेरिका की कई यात्राएं कीं, जिसमें अमेरिकी सरकार के विभिन्न गवर्नरों के साथ उनके मैत्रीपूर्ण संबंध मजबूत हुए।
सिक्योंग ने अमेरिका में तिब्बतियों की सीमित संख्या, बहुत कम समर्थन और कमजोर आधार के बावजूद अंतरराष्ट्रीय संगठनों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में पहले के तिब्बतियों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उनका मानना है कि तिब्बती युवाओं के समन्वित प्रयासों को शामिल करने वाली एक समयबद्ध लॉबी उपयोगी साबित होगी और तिब्बत के लिए उपयोगी परिणाम दिलाएगी। उन्होंने इसके साथ ही वोलेंटियरली तिब्बत एडवोकेसी इनिशिएटिव को आगे बढ़ाने में तिब्बती युवाओं की भागीदारी और समर्थन का स्वागत किया।
सिक्योंग ने युवाओं को अपने अंतिम संदेश में कहा कि वे अच्छी तरह से शोध किए गए लेखों और पुस्तकों को पढ़कर तिब्बत के बारे में खुद को शिक्षित करें, ताकि वे तिब्बत पर चर्चा करते समय आत्मविश्वास से बोल सकें। इसके अलावा, उन्होंने उनसे चीन-तिब्बत संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए अपने प्रयासों में समन्वय स्थापित करने का आग्रह किया।