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14 नवंबर, 2022
शिलांग, 13 नवंबर।निर्वासित तिब्बती सरकार के केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के सिक्योंग (अध्यक्ष) पद मई 2021 में संभालने वाले पेन्पा छेरिंग ने मेघालय की दो दिवसीय यात्रा की। छेरिंग लोबसांग सांगेय के उत्तराधिकारी हैं।
मेघालय दौरे में उन्होंने तिब्बती समुदाय से मुलाकात की, लुम्परिंग में बौद्ध मठ का दौरा किया और मुख्य सचिव डीपी पहलंग सहित राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से भी मुलाकात की।
शनिवार को सिक्योंग ने विधायक अम्पारीन लिंगदोह के साथ शिष्टाचार मुलाकात भी की और शिलांग में तिब्बती समुदाय के लिए उनका सहयोग मांगा।
शिलांग टाइम्स ने तिब्बत में रह रहे लगभग 60 लाख तिब्बतियों और दुनिया भर में फैले तिब्बतियों के समक्ष उपस्थित वर्तमान चुनौतियों के मद्देनजर सिक्योंग के साथ एकांत मुलाकात और बात की।
सिक्योंग छेरिंग के अनुसार, भारत के विभिन्न राज्यों में लगभग 76,000 तिब्बती बसे हुए हैं। तिब्बती जनसंख्या का जनगणना का आंकड़ा इकट्ठा करना सिक्योंग पेन्पा छेरिंग के नेतृत्व में मौजूदा सीटीए की मुख्य पहलों में से एक है।
यह पूछे जाने पर कि क्या तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) में बसे तिब्बतियों को अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और अन्य कल्याणकारी उपाय सहजता से प्राप्त हो रहे हैं,छेरिंग ने कहा कि उन्हें शिक्षा और अन्य सुविधाएं मिल रही हैं, लेकिन उनकी संस्कृति और भाषा के अस्तित्व के खत्म हो जाने का खतरा है। छात्रों को तिब्बती भाषा नहीं सिखाई जाती है।
उन्होंने कहा,‘क्या आप जानते हैं कि हम तिब्बती भाषा लिखने में देवनागरी लिपि का उपयोग करते हैं और सभी भारतीय ग्रंथों को पढ़ सकते हैं? भारत से आए बौद्ध धर्म को अपनाने के बाद से हमारा भारत के साथ घनिष्ठ संबंध बना हुआ है।
सिक्योंग छेरिंग एक पटु वक्ता और बहुत अच्छे यायावर हैं। उन्होंने पिछले साल नवंबर में एक मिशन के तहत स्विट्जरलैंड की यात्रा की थी और स्विस नेशनल काउंसिल में स्विस सरकार को तिब्बत पर चीन की निरंतर जकड़न के खिलाफ कड़ा कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित किया था। चीन पर दबाव बनाने के लिए दुनिया के देशों को समझाने के लिए सिक्योंग की यात्रा जारी है और हम उम्मीद करते हैं कि भारत भी इस पर कोई रुख अपनाएगा। आखिरकार, भारत चीन का सबसे करीबी पड़ोसी है।
सिक्योंग ने जैव विविधता के नुकसान और यांग्त्ज़ी नदी की घाटी में चीन के तीन डैम के निर्माण से तिब्बत के सामने आने वाले जलवायु खतरों की ओर भी इशारा किया। ये तीनों डैम दुनिया का सबसे बड़ा हाइड्रो प्रोजेक्ट डैम है और इसने सैकड़ों लोगों को विस्थापित किया है और इससे निचले इलाके के देशों में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है।
2020 में भारी बारिश के कारण यांग्त्ज़ी नदी में बाढ़ आ गई, जिससे जानमाल का भारी नुकसान हुआ था। सिक्योंग ने कहा, ‘भारत को चीन से बात करनी चाहिए कि वह अपनी नदियों का उपयोग कैसे करता है और उन पर क्या बनाता है। तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र को तीसरे ध्रुव और एशिया के जल मीनार के रूप में जाना जाता है क्योंकि इसकी नदियां एशिया में लगभग दो अरब लोगों को जल की आपूर्ति करती है। इसे देखते हुए भारत को जलवायु सम्मेलनों में इस एजेंडे को आगे बढ़ाना चाहिए।‘
उन्होंने तिब्बती संस्कृति और विश्वदृष्टि के लिए दूसरा खतरा तिब्बतियों की वर्तमान पीढ़ी द्वारा भारी संख्या में हो रहे पलायन को बताया। वे 25 विभिन्न देशों में पढ़ाई कर रहे हैं और अब अपनी भाषा, संस्कृति और धार्मिक रीति-रिवाजों तक को नहीं जानते हैं और अब शायद उनमें तिब्बत की स्वतंत्रता के लिए लड़ने का गुस्सा भी नहीं है। हमें तिब्बतियों की युवा पीढ़ी को ललकारने और उन्हें यह बताने की आवश्यकता है कि परम पावन दलाई लामा क्या कहते हैं, ‘कभी हार मत मानो। एक दिन तिब्बत आजाद होगा और हम अपनी जमीन पर लौट जाएंगे।‘
सीटीए के पास एक धर्म और संस्कृति नाम का विभाग भी है जो बौद्ध धर्म के आदर्शों को संरक्षित करने और उसे बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है। हमारी चुनौती हमेशा निर्वासित तिब्बतियों के कल्याण की देखभाल करने की रही है। अमेरिका तिब्बती अधिकारों का कट्टर समर्थक रहा है। जून 2021में अमेरिका ने चीन का मुकाबला करने के लिए एक कानून पारित किया है।‘सिक्योंग ने कहा कि इस कानून के ‘पॉलिसी विद रिसपेक्ट टू तिब्बत (तिब्बत के संबंध में नीति)’खंड मेंबीजिंग स्थित अमेरिकी दूतावास के राजनीतिक खंड के भीतर एक तिब्बत इकाई की स्थापना की बात कही गई है जब तक कि चीन में अमेरिकी चेंगदू वाणिज्य दूतावास बहाल नहीं हो जाता है या जब तक अमेरिकी वाणिज्य दूतावास ल्हासा में नहीं खोलने दिया जाता है।
यह नया कानून अमेरिका के 2020के तिब्बती नीति और समर्थन अधिनियम (तिब्बत नीति एंड सपोर्ट ऐक्ट) की अंतर्निहित भावनाओं की पुष्टि करता है और कहता है कि दलाई लामा के पुनर्जन्म मामले में तिब्बती बौद्ध लामाओं के आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन करने और चीनी हस्तक्षेप का विरोध करने के लिए अमेरिका को अपने विदेश मंत्री को सहयोगी देशों के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
यूनाइटेड स्टेट्स पॉलिसी एंड इंटरनेशनल एंगेजमेंट ऑन द सक्सेशन ऑर रिइनकार्नेशन ऑफ द दलाई लामा एंड रिलिजियस फ्रीडम ऑफ तिब्बतन बुद्धिस्ट (दलाई लामा के उत्तराधिकार या पुनर्जन्म और तिब्बती बौद्धों की धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की नीति और वैश्विक साझेदारी)’खंड में यह विधेयक 2021 के कंसोलिडेटड एप्रोप्रिएशन ऐक्ट में उल्लेखित इसी तरह की बात की फिर से पुष्टि करता है। इस कानून में यह भी कहा गया है कि 14वें दलाई लामा और भविष्य में किसी भी दलाई लामा के उत्तराधिकारी या पुनर्जन्म को मान्यता देने की प्रक्रिया में चीनी सरकार या कोई अन्य सरकार द्वारा किसी भी तरह का हस्तक्षेप स्पष्ट रूप से तिब्बती बौद्धों और तिब्बती लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार में दुरुपयोग माना जाएगा।
विधेयक आगे तिब्बती बौद्धों की धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का आह्वान करता है। इस विधेयक में कहा गया है कि अमेरिका 15वें दलाई लामा की पहचान करने और उन्हें स्थापित करने के लिए तिब्बती बौद्ध धार्मिक नेताओं के एकमात्र धार्मिक अधिकार का समर्थन करने के लिए सभी सहयोगियों और भागीदारों का आह्वान करता है। साथ ही 15वें दलाई लामा तय करने का अधिकार हथिया लेनेवाले चीनी सरकार के दावों का विरोध करने और तिब्बती बौद्धों की धार्मिक स्वतंत्रता में चीनी सरकार के हस्तक्षेप को अस्वीकार करने के लिए भी वह विश्व बिरादरी से अपील करता है।
सिक्योंग ने अंत में कहा कि अमेरिका की तिब्बत पर स्पष्ट नीति है। इसके अलावा अन्य देशों की तिब्बत नीति आर्थिक प्राथमिकताओं के आधार पर तय किया जाता है।
शिलांग में तिब्बती समुदाय के सदस्यों ने सेटलमेंट अधिकारी और सांसद छेरिंग डोल्मा की अगुवाई में सिक्योंग और सीटीए प्रतिनिधिमंडल के लिए एक स्वागत समारोह का आयोजन भी किया।
शिलांग में सिक्योंग की पहली यात्रा ग्लोरी के प्लाजा में तिब्बती बाजार में थी जहां उन्होंने तिब्बती दुकानदारों के साथ बातचीत की और उनकी शिकायतों पर ध्यान दिया।
उसी दिन बाद में कई स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों और उच्च पदस्थ अधिकारियों ने सिक्योंग से शिष्टाचार भेंट की। इनमें पूर्वी शिलांग के विधायक अम्प्रीन लिंगदोह और शिलांग टाइम्स की संपादक पेट्रीसिया मुखिम, पूर्वी खासी हिल्स के उपायुक्त इसावंदा लालू और पूर्वी खासी हिल्स के पुलिस अधीक्षक सिल्वेस्टर नोंगटंगर शामिल थे।