तिब्बत.नेट, 13 दिसंबर, 2018
धर्मशाला। हर साल दिसंबर के महीने में हिमाचल प्रदेश विधानसभा धर्मशाला के पास तपोवन में अपना शीतकालीन सत्र आयोजित करती है।
इस वर्ष विधानसभा के माननीय अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल की स्वीकृति और अनुमोदन से 12 दिसंबर 2018 को विधानसभा सदस्यों के सम्मान में तिब्बती संसद ने हाई टी रिसेप्शन का आयोजन किया।
11 दिसंबर 2018 को निर्वासित तिब्बती संसद के डिप्टी स्पीकर आचार्य येशी फुंटसोक ने समारोह की तैयारी के लिए स्पीकर डॉ. राजीव बिंदल और उनके ओएसडी धर्मपाल महाजन से मुलाकात की। डिप्टी स्पीकर ने भी मुलाकात के दौरान बिंदल से अनुरोध किया। स्वागत समारोह में मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर और पूर्व मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह भी शामिल हुए।
फिर, अगले दिन निर्वासित तिब्बती संसद के स्थायी समिति के सदस्यों ने संसदीय कर्मचारियों के साथ विधानसभा के कमेटी हॉल का दौरा किया। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, स्पीकर, डिप्टी स्पीकर, मंत्रिगण और सदस्य शाम 5 बजे यहां पहुंचे और तिब्बती संसद की स्थायी समिति के सदस्यों द्वारा तिब्बती पारंपरिक स्कार्फ के साथ गर्मजोशी से उनका स्वागत किया गया। तिब्बती संसद के उपसभापति आचार्य येशी फुंटसोक ने इस आमंत्रण को स्वीकार करने और इन नेताओं के आने के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त करते हुए स्वागत समारोह की शुरुआत की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सदस्यों को शुभकामनाएं दीं और इस बैठक का आयोजन करने के लिए तिब्बती संसद की सराहना की। उन्होंने आगे कहा कि परमपावन दलाई लामा हमेशा धर्मशाला को अपना गृहनगर मानते हैं और जब भी वह श्रोताओं के बीच जाते हैं, वहां परम पावन कहेंगे- आप मेरे मुख्यमंत्री हैं’। इसके बाद उन्होंने कहा, ‘धर्मशाला में परमपावन दलाई लामा होने से हिमाचल प्रदेश के लोग बहुत सम्मानित महसूस करते हैं। परम पावन के आशीर्वाद ने धर्मशाला को अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का केंद्र बना दिया है और धर्मशाला को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र में जाना जाता है। वर्षों से, केंद्रीय तिब्बती प्रशासन और निर्वासित तिब्बती संसद शीतकालीन सत्र के दौरान सम्मानित करता रहा है। और आज भी, हम इस सम्मान का हिस्सा बनकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। इसके लिए हम आपके लिए बहुत आभारी हैं। हिमाचल प्रदेश राज्य लगातार तिब्बती संघर्ष के साथ रहा है और भविष्य में भी एकजुटता के साथ रहेगा। साथ ही हम तिब्बत के लिए अपना समर्थन जारी रखेंगे।
16वीं निर्वासित तिब्बती संसद के अध्यक्ष पेमा जुंगनी ने 16वीं निर्वासित तिब्बती संसद की ओर से हिमाचल प्रदेश के विधायकों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि ‘तिब्बतियों के निर्वासन में आए और यहां अपना प्रशासन स्थापित किए अब लगभग 60 साल हो गए हैं। निर्वासित तिब्बती यहां काफी फल-फूल रहे हैं तो वह महज हिमाचल प्रदेश की जनता और सरकार की कृतज्ञता और समर्थन के कारण। उन्होंने कहा कि निर्वासित तिब्बती संसद इन पूरे 60 वर्षों में भारत की सभी विधानसभाओं में तिब्बत समर्थक समूहों का गठन नहीं कर पाई है। लेकिन निकट भविष्य में ऐसा करने की योजना बना रही है। हिमाचल प्रदेश में तिब्बत समर्थक संसदीय समूह के गठन के साथ हम इसकी शुरुआत करना चाहते हैं और इसके बाद पूरे भारत की सभी विधानसभाओं में हम तिब्बत समर्थक संसदीय समूह की स्थापना करेंगे। इसके लिए हमें आपके समर्थन की आवश्यकता है। तिब्बती संसद के स्पीकर ने अनुरोध को स्वीकार करने के लिए हिमाचल प्रदेश के स्पीकर के प्रति आभार प्रकट किया।
इसी तरह, हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने इस स्वागत समारोह में सिर्फ इसलिए शिरकत की क्योंकि परमपावन दलाई लामा के प्रति उनका अगाध सम्मान है और वह तिब्बत मुद्दे के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त करते हैं।
उसके बाद दोनों विधायिकाओं के सदस्यों ने एक-दूसरे से परिचय किया और अपने विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने इसके बाद तिब्बत के अंदर की गंभीर स्थिति के प्रति अपनी चिंता का इजहार किया।