नागपुर। तिब्बत समर्थक समूहों के बीच बेहतर समन्वय को बढ़ावा देने और सातवें अखिल भारतीय तिब्बत समर्थक समूह सम्मेलन की कार्ययोजना का पालन करने के लिए कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज- इंडिया (सीजीटीसी-आई) और भारत-तिब्बत समन्वय कार्यालय (आईटीसीओ) ने २३ अक्तूबर-२०२३ को संयुक्त रूप से नागपुर और उसके आसपास स्थित तिब्बत समर्थक समूहों की बैठक आयोजित की।
इस बैठक में भारत-तिब्बत मैत्री संघ (आईटीएफएस), भारत-तिब्बत सहयोग आंदोलन (बीटीएसएम), नेशनल कंपेन फॉर फ्री तिब्बत सपोर्ट (एनसीएफटीएस), बौद्ध सोसायटी ऑफ इंडिया जैसे संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले ३० से अधिक सदस्यों और व्यक्तिगत तिब्बत समर्थकों ने भाग लिया। उपस्थिति उल्लेखनीय हस्तियों में आईटीएफएस महाराष्ट्र के अध्यक्ष श्री अमृत बंसोड़, भारत-तिब्बत सहयोग आंदोलन के अध्यक्ष श्री अशोक मेंढे और बौद्ध सोसाइटी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री चंद्र बोधि पटेल शामिल थे। क्षेत्र में भविष्य के सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देने के लिए बुलाई गई बैठक में क्षेत्रीय तिब्बती युवा कांग्रेस (आरटीवाईसी) और क्षेत्रीय तिब्बती महिला संघ (आरटीडब्ल्यूए) के प्रतिनिधियों के साथ-साथ नॉर्ग्येलिंग तिब्बती सेटलमेंट अधिकारी धोंदुप सांगपो को भी आमंत्रित किया गया था। आईटीसीओ, नई दिल्ली का प्रतिनिधित्व करने वाली ताशी डेकी ने बैठक में आए लोगों का गर्मजोशी से स्वागत और इसके उद्देश्यों के बारे में बताने के साथ बैठक की शुरुआत की। उन्होंने तिब्बत की वर्तमान स्थिति और तिब्बत मुक्ति साधना में नवीनतम विकास के बारे में जानकारी प्रदान की। इसके अलावा उन्होंने सातवें अखिल भारतीय तिब्बत समर्थक समूह सम्मेलन की घोषणा और कार्य योजनाएं प्रस्तुत कीं और सदस्यों से इन योजनाओं का पालन करने और उन पर कार्रवाई करने का आग्रह किया।
श्री अशोक मेंढे ने अपने संबोधन में भारत सरकार द्वारा परम पावन दलाई लामा को भारत रत्न से सम्मानित करने की वकालत की। उन्होंने तिब्बत में पर्यावरण संबंधी मुद्दों के समाधान के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने तिब्बत और तिब्बतियों के लिए निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया और तिब्बती मुद्दे पर सभी सदस्यों के बीच एकता का आह्वान किया। श्री अमृत बंसोड़ ने परम पावन दलाई लामा को भारत रत्न से सम्मानित करने के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया और स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में शैक्षिक कार्यक्रमों के माध्यम से भारतीय युवाओं के बीच तिब्बत के बारे में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। बैठक में तिब्बत समर्थक समूहों की पिछले कुछ महीनों की गतिविधियों और कार्यक्रमों की समीक्षा की गईं, जिनमें सातवें अखिल भारतीय तिब्बत समर्थक समूह सम्मेलन की कार्ययोजना के अनुरूप आगामी पहलों पर चर्चा शामिल थी। सदस्यों ने क्षेत्र में तिब्बती आंदोलन को और मजबूत करने और आने वाले वर्षों में समन्वय में सुधार के लिए सुझाव और प्रतिक्रियाएं भी दीं। श्री अरविंद निकोसे ने बैठक में खासकर नागपुर के व्यस्त त्योहारी सीजन के दौरान भाग लेने के लिए सीजीटीसी-आई की ओर से सभी उपस्थित लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने सदस्यों से तिब्बती मुद्दे और तिब्बती स्वतंत्रता आंदोलन के लिए अपना अटूट समर्थन जारी रखने का आह्वान किया।