तिब्बतनरिव्यू.नेट, 23 फरवरी, 2019
तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) के ग्यांगजे काउंटी में प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के लिए एक नई पाठ्यपुस्तक शुरू की गई है जिसे तिब्बत के इतिहास और संस्कृति का चीनीकरण करके नए संस्करण के रूप में तिब्बती छात्रों के देशभक्ति सिखाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। चीन के आधिकारिक globaltimes.cn ने 21 फरवरी को अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इसके अलावा, टीएआर में यह काउंटी पहला होगा जहां नैतिक शिक्षा के साथ क्षेत्रीय इतिहास और भूगोल के साथ नैतिक शिक्षा पाठ्यपुस्तक की शुरुआत की गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि छात्र नई पाठ्यपुस्तक के माध्यम से इस सेमेस्टर से देशभक्ति की शिक्षा लेना शुरू करेंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नई पाठ्यपुस्तक, जिसका शीर्षक है मीलीजियांगज़ी, जिसका अर्थ है सुंदर ग्यांगजे काउंटी। यह पाठ्यपुस्तक शंघाई के अधिकारियों द्वारा लिखी गई है, जिन्हें तिब्बत और काउंटी के शिक्षा अधिकारियों की सहायता के लिए भेजा गया था।
शिनमिन इवनिंग न्यूज का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि नई पाठ्यपुस्तक को अंतिम सेमेस्टर के अंत में स्कूलों में वितरित किया गया था, जिसका उद्देश्य तिब्बत में छात्रों को हान (यानी, चीनी) और तिब्बत संस्कृतियों के एकीकरण और वंश के बारे में जानकारी देना है।
पाठ्यपुस्तक चार अध्यायों में विभक्तय है। इसमें पहले अध्याय में छात्रों मे देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देने से संबंधित सामग्री है। बीच के दो अध्यायों में जिंयांगजे काउंटी के इतिहास और भूगोल और नागरिकता पर पाठ शामिल किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, और चौथे अध्याय में यह बताया गया है कि ‘तिब्बत की पुरानी व्यवस्था बहुत ही दमनकारी थी और वर्तमान व्यावस्था उसकी तुलना में कहीं अधिक बेहतर है जिससे कई तिब्बतियों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद मिली है।’
पाठ्यपुस्तक को तिब्बती और सरल चीनी- दोनों लिपियों में लिखे जाने की सूचना है।
इसके अलावा, रिपोर्ट में काउंटी के शिक्षा ब्यूरो के उप निदेशक गुओ शुबाओ के हवाले से कहा गया है कि इस पाठ्यपुस्तक को शंघाई के छात्रों के बीच भी बांटा गया ताकि वे तिब्बत के इतिहास और वहां की संस्कृति से परिचित हों।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जातीय समूहों के बारे में छात्रों के ज्ञान का विस्तार करने और शंघाई और तिब्बत के बीच संचार को बढ़ावा देने के लिए पुस्तक की प्रतियां शंघाई यांगजिंग हाईस्कूल को दान भी की गई हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘तिब्बत को विकसित करने और इसे चीन के बाकी हिस्सों के साथ मजबूती से जोड़े रखने के लिए’ चीन की केंद्र सरकार ने 1980 के दशक में चीनी प्रांतों से अधिकारियों और श्रमिकों को तिब्बती क्षेत्र में भेजने की एक योजना शुरू की थी।